Sawan 2021: खगड़िया के बूढ़ानाथ मंदिर की महिमा है निराली, दर्शन मात्र से मनोकामना पूरी हो जाती है सारी
Sawan 2021 इसबार भी कोरोना के चलते शिव भक्तों में अपने भोले बाबा को न पूज पाने का मलाल जरूर रहेगा। ऐसे में खगड़िया के बूढ़ानाथ मंदिर कोरोना के चलते इसबार बंद रहेगा। यहां की महिमा सावन के माह में पौराणिक मान्यताओं के साथ जुड़ी है।
जागरण संवाददाता, खगड़िया। Sawan 2021 : 25 जुलाई दिन सोमवार से सावन का पावन महीना शुरू हो रहा है। भगवान शिव के परम भक्तों के लिए सावन बेहद खास माना जाता है। ऐसे में भगवान के प्रमुख तीर्थों-मंदिरों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। बिहार के खगड़िया जिला मुख्यालय के बूढ़ी गंडक किनारे लोहापट्टी स्थित बूढ़ानाथ मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। यह मंदिर सौ वर्ष पुराना है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना को आते हैं। यहां से आज तक कोई खाली हाथ नहीं लौटा है। जो भी भक्त सच्चे दिल से जो कुछ मांगते हैं, भगवान भोलेनाथ उनकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। कोरोना काल में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट बंद हैं।
यहां पहुंचने का मार्ग
खगड़िया रेलवे स्टेशन से दक्षिण लगभग तीन सौ मीटर दूर है लोहापट्टी। जहां बूढ़ानाथ मंदिर है। खगड़िया बस स्टैंड से भी ई-रिक्शा, आटो आदि से यहां पहुंचा जा सकता है। सावन में यहां शिव भक्तों की अच्छी खासी भीड़ होती थी लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर बंद रहेगा।
मंदिर का इतिहास
बनवारीलाल भीमसरिया कहते हैं, 'सौ वर्ष पुरानी बात है, सेठ सागरमल को स्वप्न आया कि बूढ़ी गंडक नदी किनारे स्थित बांध के समीप बरगद के पेड़ की जड़ में शिवलिंग की उत्पत्ति हुई है। जिसमें असीम शक्ति विद्यमान है। वहां जाकर मंदिर का निर्माण कराओ। इसके बाद सेठ सागरमल ने वहां मंदिर का निर्माण कराया। आज इस मंदिर के रखरखाव की जिम्मेदारी वहां के पंडित सहित बनवारी लाल भीमसरिया, राजेश अग्रवाल आदि के जिम्मे है।
करिए बाबा के दर्शन
पंडित शत्रुघ्न मिश्रा कहते हैं, 'यहां कोई अध्यक्ष, सचिव नहीं है। जो भी हैं कार्यकर्ता के रूप में अपना योगदान करते हैं। कोरोना को लेकर बीते एक साल से अधिक से यहां आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट बंद हैं। पंरतु, पंडित द्वारा रोजाना महादेव को भोग लगाया जाता है। जलाभिषेक किया जाता है।'
क्या कहते हैं मंदिर के पुजारी पंडित शत्रुघ्न मिश्रा
आज तक बूढ़ानाथ मंदिर से कोई श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटा हैं। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते रहे हैं। कोरोना काल में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट बंद हैं। लोगों से अपील है कि घरों में रहकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। शिव उनकी हर मनोकामना पूरी करेंगे।