Saharsa News: यहां 6 सालों में मात्र 1263 शराब तस्कर हुए गिरफ्तार, बढ़ गया नशे का कारोबार
बिहार के सहरसा जिले में छह सालों में सिर्फ 1263 शराब तस्कर गिरफ्तार हुए। शराबबंदी के शुरुआती दौर को हटाया जाए तो इनकी गिरफ्तारियां कम हुईं। दूसरी तरफ शराब की डिलीवरी मानें बरामदगी ज्यादा। मानें शराब की तस्करी जोरों पर हुई।
संवाद सूत्र, सहरसा: जिले में उत्पाद विभाग द्वारा शराब तस्करों के विरुद्ध सघन रूप से अभियान चला ही है। शराबबंदी को लागू करने के लिए उत्पाद विभाग हर दिन कहीं न कहीं से शराब की बरामदगी करने में सफल हो रही है। जिले में शराबबंदी 2016 में लागू होने के बाद अब तक करीब 1200 से अधिक शराब तस्करों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शराबबंदी के शुरूआती वर्षों में हर वर्ष तीन सौ से अधिक शराब तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़े है। हाल के पिछले तीन वर्षों में इसकी संख्या आधी घट गयी है।
शराब की बरामदगी की संख्या हर साल बढ़ी है। लेकिन शराब तस्करों की संख्या धीरे- धीरे हर वर्ष घटती जा रही है। वर्ष 2016 में 320 शराब तस्करों की गिरफ्तारी हुई थी और जो वर्ष 2020 में यह घटकर 138 पर आ गयी है। वर्ष 2021 में नवंबर माह तक 114 शराब तस्करों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसी से लगता है कि शराब तस्करों की संख्या दिनोंदिन घटती जा रही है। उत्पाद विभाग द्वारा पिछले छह वर्षों में 1263 शराब तस्करों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
उत्पाद विभाग की कार्रवाई में वर्षवार पकड़ाए गए शराब तस्कर
वर्ष - गिरफ्तारी
2016 - 320
2017 - 301
2018 - 153
2019 - 247
2020 - 138
2021 नवंबर तक- 114
जिला पुलिस ने भी की कार्रवाई
उत्पाद विभाग के अलावा जिला पुलिस ने भी शराब तस्करों की गिरफ्तारी की है। जिले के दसों प्रखंडों स्थित विभिन्न थाना क्षेत्रों में हर वर्ष 500 से अधिक शराब तस्करों की गिरफ्तारी हो रही है। पुलिस प्रशासन द्वारा भी वर्ष 2016 से ही शराब तस्करों के खिलाफ छापेमारी अभियान चला रही है।
उत्पाद विभाग के पास है संसाधन की कमी
जिले में स्थापित मद्य निषेध विभाग के पास संसाधन की कमी भी है। सीमित संसाधन के बीच उत्पाद विभाग अपने तेज तर्रार अधिकारी व पुलिस बलों के बल पर ही शराब की बरामदगी करने में सफल हो पा रही है और शराब तस्कर भी इसके हत्थे चढ़ रहे है।
'शराबबंदी के बाद अब तक 15850 जगहों पर छापेमारी की गयी। जिसमें 1263 शराब तस्करों की गिरफ्तारी हुई। शराब तस्करों के खिलाफ लगातार छापेमारी अभियान जारी है।'-अस्मिता प्रीतम, उत्पाद अधीक्षक