सबौर, भागलपुर पंचायत चुनाव 2021 परिणाम: सबसे कम उम्र की मुखिया बनीं आयशा, सभी जिला पार्षद व मुखिया हारे
सबौर भागलपुर पंचायत चुनाव 2021 परिणाम सबौर में निवर्तमान एक भी मुखिया और जिला पार्षद नहीं बचा सके सीट। जिले में सबसे कम उम्र की मुखिया बनीं सबौर फतेहपुर की आयशा खातून। पहली बार लड़ी थीं चुनाव सबौर महाविद्यालय में स्नातक तृतीय वर्ष की हैं छात्रा।
संवाद सहयोगी, भागलपुर। अबकी पंचायत चुनाव में मतदाताओं ने सबौर प्रखंड में सभी पंचायतों की तस्वीर बदल दी। सभी 13 पंचायतों में मुखिया और दोनों जिला पार्षद की सीट पर नए चेहरे ने जीत हासिल की। पुराने एक भी मुखिया और जिला पार्षद अपनी सीट नहीं बचा सके। अधिकांश सरपंच अपनी पुरानी सीट बचाने में कामयाब रहे। सबौर प्रखंड प्रमुख अभय कुमार पंचायत समिति से जीतने में सफल रहे हैं।
जिला पार्षद की सबौर उत्तरी सीट से जय प्रकाश मंडल और दक्षिणी सीट से मो. आफताब आलम ने जीत दर्ज की। मो आफताब ने निवर्तमान जिला पार्षद अरबिंद कुमार मंडल को हरा दिया। आफताब आलम को 10256 मत मिले, जबकि अरविंद कुमार मंडल को 8173 व मनीष कुमार को 5625 मत मिले। मनीष कुमार तीसरे स्थान पर रहे हैं। उत्तरी सीट से जय प्रकाश मंडल 5875, महेश यादव को 5411 मत मिले।
जिले के सबसे कम उम्र की मुखिया सबौर के फतेहपुर निवासी आयशा खातून बनीं। पहली बार चुनाव लड़ी थीं। अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 327 मत से पराजित कीं। आयशा सबौर महाविद्यालय के स्नातक के तृतीय वर्ष की छात्रा हैं। पीरपैंती की 21 वर्षीय आयशा का निकाह चार वर्ष पूर्व फतेहपुर के इंजीनियर मो. ताज के साथ हुआ है। शादी के बाद से ही समाजिक काम में सक्रिय हो गईं। रजंदीपुर के वार्ड तीन से वार्ड सदस्य प्रत्याशी बबीता देवी विजयी हुईं।
चौंकाने वाले रहे लोदीपुर ग्राम पंचायत के परिणाम
लोदीपुर ग्राम पंचायत से निवर्तमान मुखिया बेबी देवी चुनाव हार गईं। उनके पति छंगूरी शर्मा पहली बार 2011 में चुनाव जीत थे। पांच वर्ष तक मुखिया रहे। इसके बाद वर्ष 2016 में यह सीट महिला के लिए आरक्षित हो गया। तब छंगूरी शर्मा ने अपनी पत्नी बेबी देवी को चुनाव में उतारा था। इस बार पंचायत चुनाव में बेबी देवी 231 वोट से चुनाव हार गईं।
मुखिया पद पर विजयी प्रत्याशी
पंचायत समिति सदस्य के विजयी प्रत्याशी
बोलीं संगीता बाजपेयी-जनता का फैसला स्वीकार्य है
लोदीपुर ग्राम पंचायत से पंचायत समिति भाग एक के लिए पंचायत समिति सदस्य का परिणाम सबसे चौंकाने वाले रहे। यहां की पंचायत समिति सदस्य संगीता बाजपेयी चुनाव हार गईं। इस सीट से पुष्पा कुमार निराला 9 वोट चुनाव जीत गईं हैं। पुष्पा कुमार निराला को 1121, शहीद को 1112, संगीता बाजपेयी को 1042 वोट मिले। यहां से इस पद के लिए पांच प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे। संगीता बाजपेयी के पुत्र प्राणिक बाजपेयी ने कहा कि जनता का फैसला हम स्वीकार्य करते हैं। हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। संगीता बाजपेयी के पूर्व इस सीट से उनके भैसूर सुमन बाजपेयी पंचायत समिति सदस्य सदस्य थे। वे सबौर प्रखंड के प्रमुख और उपप्रमुख भी बने। इसके बाद यह सीट महिला के लिए आरक्षित हो गया। इस कारण उन्होंने अपने छोटे भाई की पत्नी को चुनाव मैदान उतारा। संगीता बाजपेयी 2016 में वे पहली बार चुनाव लड़ीं और जीतीं। लेकिन दूसरी बार वर्ष 2021 में उनकी हार हो गई। राजनीतिक पृष्ठभूमि मजबूत होने के कारण सभी को उम्मीद थी कि इनकी जीत होगी। इनकी हार ने क्षेत्र के राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया। वहीं, लोदीपुर पंचायत के पंचायत समिति भाग दो से पंचायत समिति सदस्य पद के लिए देवानंद सिंह विजयी रहे।
देर से आरंभ लेकिन समय से पूर्ण हो गया मतगणना
मौसम खराब रहने के कारण मतगणना का काम शुक्रवार की सुबह देर से आरंभ हुआ लेकिन गिनती की रफ्तीर इतनी तीव्र थी की दोनो प्रखंड सबौर और नाथनगर का समय से पूर्ण हो गया। मतगणना के कारण लगने वाला जाम आज नहीं लगा। मतणना पूर्ण होते ही माइकिंग लगातार किया जाता रहा जिससे अफर तफरी की स्थिति नहीं रही। प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी प्रतीक राज, सीओ अजीत झा और चुनाव कार्य के सहयोगी विभूतिजी लगातार मतगणना के कार्य की निगरानी करते दिखे। वहीं डीएम सुब्रत कुमार सेन, एसएसपी नीताशा गुडिय़ा और मतगणना केंद्र की इंचार्ज डीडीसी प्रतिभा रानी ने मतगणना के क्रिया कलाप को देखा और संतोष जाहिर किया। इस दौरान डीएम ने कहा की सभी के सहयोग से शांति पूर्ण मतगणना का काम संपादित सुव्यवस्थित ढंग से किया गया। सबसे पहले मुखिया और वार्ड सदस्य का परिणाम निकलता रहा। फिर पंचायत समिति और उसके बाद जिला पार्षद का चुनाव परिणाम की घोषणा किया गया। देर शाम सरपंच और पंच के सभी परिणाम घोषित कर दिया गया। बहुत कम मार्जिन से जीत हार होता रहा।
सबौर पुलिस की सक्रियता से गाडिय़ों को बाबूपुर, खनकित्ता और सबौर स्टेशन के पास रोक दिया गया था। पार्किंग के लिए उच्चविद्यालय सबौर परिसर में दो पहिया वाहनों को भी पुलिस भेज रही थी। इस कारण मतगणना के दौरान लगने वाला जाम आज नहीं लगा।
रोने लगे कई मुखिया
हार जीत बहुत कम मतों से होने के कारण हारे हुए कई मुखिया रोने लगे तो जीते हुए प्रत्याशी हाथ जोड़कर बाहर आकर सभी का अभिनंदन कर रहे थे। मतदाताओं ने सभी जगहों में आश्र्च चकित परिणाम दिया। जिसकी हार की चर्चा थी वह जीत गए और जिनकी जीत की चर्चा थी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कई दिग्गज इस बदलाव में धूल फांक लिया। सुरक्षा की चाक चौबंध व्यवस्था थी। प्रत्याशी भी सिस्टम से जा रहे थे और निकल रहे थे। मतगणना कर्मियों ने मनोयोग से काम कर मतगणना का बेहतर काम किया।