अब मालदह आम को मात देगा सबौर मैंगो-2, जानिए... इसकी खासियत
सबौर कृषि महाविद्यालय की रिसर्च टीम ने आम की नई प्रजाति विकसित की है। मालदह और आम्रपाली की संकर प्रजाति सात साल की मेहनत के बाद तैयार हुई है। यह आम मालदह के आकार का होगा। इसमें पल्प (गूदा) भी अधिक स्वादिष्ट होगा।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। जर्दालू के लिए चर्चित भागलपुर में अब मालदह आम की नई किस्म का भी लोग स्वाद चखेंगे। सबौर कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने सात साल की मेहनत के बाद मालदह और आम्रपाली आम की संकर प्रजाति सबौर मैंगो-2 किस्म इजाद की है। यह आम मालदह के आकार का होगा। इसमें पल्प (गूदा) भी अधिक स्वादिष्ट होगा। इसकी गुठली भी पतली होगी। सुपाच्य होगा। नई किस्म सबौर मैंगो-2 को जारी कर दिया गया। अभी बीएयू में इसके कई पौधे लगाए गए हैं।
एक पेड़ में डेढ़ क्विंटल फलेगा आम
कृषि विज्ञानी डॉ. संजय सहाय और डॉ.मीर ने संयुक्त रूप से बताया कि किसानों की शिकायत थी कि मालदह का फलन कम होता है और फल में कीड़े भी लग जाते थे। किसानों की बात ध्यान में रखकर इस किस्म को इजात किया गया। इसकी खास बात यह है कि इसके पेड़ आम्रपाली के जैसे होंगे। एक पेड़ में लगभग डेढ़ क्विंटल फलन होगा। फलों में कीड़े भी नहीं लगेंगे। किसानों को लिए यह नई किस्म फायदेमंद होगी। हालांकि, किसानों को अगले वर्ष से पौधे उपलब्ध हो जाएंगे। फिलहाल सभी कृषि विज्ञान केंद्र में इन पौधों को लगाया जाएगा। विज्ञानी के अनुसार इस आम के और भी खासियत है।
नई किस्म के इस आम में अधिक पल्प होगा
कृषि वैज्ञानिक डॉ. मीर ने बताया कि मालदह और आम्रपाली से तैयार नई किस्म के इस आम में मालदह आम से अधिक पल्प होगा। मालदह में 70 प्रतिशत जबकि इस किस्म में 80 प्रतिशत से अधिक पल्प होगा। स्वाद के साथ खुशबू भी मिलेगी। यह नई किसानों के बीच समृद्धि लाएगी। बागवानी करने वाले किसानों के लिए यह नई किस्म वरदान साबित होगी।
किसानों को लाभ
सबौर मैंगो-2 की नई किस्म मालदह आम को मात देगी। इसकी पैदावार व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी किसानों के लिए फलदायी होगा। उनकी समृद्धि का द्वार खुलेगा। - डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति कृषि विश्वविद्यालय, सबौर