...तो क्‍या भंग हो जाएगा भागलपुर-पटना सड़क संपर्क

पटना-भागलपुर का सड़क संपर्क भंग होने की संभावना है। घोरघट बेली ब्रिज काफी जर्जर है। इसके बावजूद भारी वाहन इससे गुजर रहे हैं। वाहन को पार करने के लिए पुल के दोनों ओर लगे बेरियर को असमाजिक तत्वों ने हटा दिया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 02:14 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 02:14 PM (IST)
...तो क्‍या भंग हो जाएगा भागलपुर-पटना सड़क संपर्क
पटना से मुंगेर के रास्ते भागलपुर को जोड़ने वाली एकमात्र पुल है घोरघट।

बरियारपुर (मुंगेर) [संजीव कुमार]। प्रशासन और पुल निगम विभाग के निर्देश के बाद भी क्षतिग्रस्‍त घोरघट बेली ब्रिज से भारी वाहनों (लोडेड ट्रक) का आवागमन अवैध तरीके से हो रहा है। पुल के ध्वस्त होने की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में किसी भी बेली ब्रिज धाराशायी हो सकता है। इस कारण पटना- भागलपुर का सड़क मार्ग संपर्क भंग हो जाएगा। पुल से भारी वाहनों का प्रवेश न हो इसके लिए दोनों तरफ बेरियर लगाए गए थे। बेरियर टूट जाने के कारण विभाग ने इसका मरम्मत नहीं कराया। असमाजिक तत्वों ने बेरियर तक को हटा दिया। रात और सुबह में बड़े और भारी वाहनों का आवागमन हवेली खड़गपुर के बदले सीधा घोरघट पुल होकर किया जा रहा है। तीन से सौ रुपये देकर चालक पुल से वाहनों को पार करा रहे हैं। पूरा खेल पुलिस और एनएच विभाग के अधिकारियों को पता है, इसके बाद भी किसी तरह का कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।

दोनों तरफ दो जिले की पुलिस, फिर भी निगरानी नहीं

घारेघाट पुल का एक छोर मुंगेर और दूसरा छोर भागलपुर जिले में है। दोनों तरफ पुलिस के जवान भी रहते हैं। इसके बाद भी क्षतिग्रस्त पुल पर वाहनों का परिचालन जारी है। मिलीभगत से पूरा भारी वाहनों का पुल से पार कराने का खेल चल रहा है। एनएच की ओर से जगह-जगह घोरघट बेली ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के कारण भारी वाहनों के प्रवेश पर वर्जित होने का बोर्ड भी लगाया गया है। लेकिन, वाहन चालक इसकी परवाह नहीं करते हुए भारी वाहनों को लेकर पुल पर से गुजर रहे हैं।

बेली ब्रिज पर लगे कई चदरे क्षतिग्रस्त

वर्तमान में बेली ब्रिज पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। अंग्रेज जमाने में लोहे के बने इस पुल के कई चदरे सड़ कर टूट गए हैं। इस पर छोटे वाहनों के गुजरने से भी आवाज निकलती है। ग्रामीण सुनील कुमार, अर्जुन मंडल और मिथिलेश कुमार सहित कई ग्रामीणों का कहना है कि रात में 14 से 16 चक्के वाले वाहन पुल से गुजरते हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रशासन की ओर से टूटे बेरियर को नहीं लगाने से भारी वाहनाें का परिचालन हो रहा है। इस पर अविलंब रोक नहीं लगाया गया तो ब्रिज कभी भी धाराशायी हो जाएगा। फिर, छोटे वाहनों का पुल से गुजरना संभव नहीं है।

14 वर्ष पहले हुआ था क्षतिग्रस्त, अभी तक नया पुल नहीं बन सका

घोरघट बेली ब्रिज वर्ष 2007 में क्षतिग्रस्त हो गया था। दो माह तीन करोड़ रुपये खर्च को किसी तरह पुल को दुरस्त किया गया था। एक वर्ष बाद पुल की हालत जर्जर होने के कारण पुल पर बड़े वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया था। इस पुल पर बाइक और चार पहिया वाहन के चलने की अनुमति है। अभी पुल से हर दिन अमूमन छह सौ बाइक और चार पहिया वाहन गुजरते हैं।

12 वर्ष से बन रहा नया पुल

क्षतिग्रस्त घोरघट बेली ब्रिज के बगल में ही 2009 में नया पुल का बनाने का काम शुरू हुआ है। 12 वर्ष बीतने को है, लेकिन अभी तक पुल बनकर तैयार नहीं हुआ है। अभी भी एक पाया की ढलाई होनी बाकी है। हालांकि 25 जुलाई को मुंगेर दौरे पर पहुंचे उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद दिसंबर 2021 तक घोरघट पुल को चालू होने की बात कही है।

बेरियर हटने की जानकारी नहीं है। बेरियर हटाया गया है तो इसकी जांच की जाएगी। किसी तरह से घोरघाट पुल से भारी वाहनों का परिचालन नहीं होना चाहिए। -खगेश चंद्र झा, एसडीओ, सदर।

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