Road accident Khagadia : ट्रैक्टर ने बाइक को कुचला, दो सगे भाइयों की मौत

Road accident Khagadia सड़क दुर्घटना में दो सगे भाई की मौत हो गई। घटना सोमवार की सुबह उसराहा चोढली पथ के पनसलवा मोड़ के समीप घटित हुई। पनसलवा गांव के सगे भाई भानू पटेल एवं सुमन पटेल मवेशी का चारा लाने बाइक से जा रहे थे।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 11:57 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 01:51 PM (IST)
Road accident Khagadia : ट्रैक्टर ने बाइक को कुचला, दो सगे भाइयों की मौत
सड़क दुर्घटना में सगे भाइयों की मौत।

जागरण संवाददाता, खगड़िया। उसराहा-चोढ़ली पथ पर पनसलवा मोड़ के समीप सोमवार की सुबह बाइक सवार सगे भाइयों की मौत ट्रैक्टर की चपेट में आने से घटना स्थल पर ही हो गई। मृतकों की पहचान पनसलवा गांव निवासी रंजीत सिंह के पुत्र भानू पटेल और सुमन पटेल (सगे भाई) के रूप में हुई है। घटना बाद पनसलवा में कोहराम मच गया है। आक्रोशित लोगों ने उसरहा-चोढ़ली पथ समेत पनसलवा के समीप एनएच-107 को जाम कर दिया। वे मुआवजे की मांग कर रहे थे। इधर स्‍वजनों का रो रोकर बुरा हाल है।

बेहाल रहे वाहन चालक और यात्रीगण 

सड़कों के दोनों ओर  वाहनों की लंबी कतारें लग गई। वाहन चालकों और यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ा। गाड़ी में बैठे यात्रियों का बुरा हाल है। सूचना के बाद बेलदौर सीओ अमित कुमार और थानाध्यक्ष शिव कुमार यादव जाम स्‍थल पर पहुंच गए है। प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने में लगे हैं। बहरहाल दोनों जगहों से जाम हटा लिया गया है। लगभग डेढ़ घंटे तक जाम रहा। जिससे सैकड़ों यात्री जाम में फंसे बेहाल रहे।

मवेशी का चारा लाने  जा रहे थे दोनों भाई

भानू और सुमन मवेशी का चारा लाने बाइक से जा रहे थे। इस दौरान पनसलवा मोड़ के पास एक अनियंत्रित ट्रैक्टर ने दोनों को रौंद दिया। जिससे दोनों भाइयों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। ट्रैक्टर चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। सूचना मिलते ही बेलदौर थाना अध्यक्ष शिव कुमार यादव घटनास्थल पर पहुंचकर दुर्घटनाग्रस्त ट्रैक्टर को जप्त कर लिया। उन्होंने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है। ट्रैक्टर मालिक और चालक का पता लगाया जा रहा है। शवों को पोस्टमार्टम में भेजा रहा है।

परिवार पर गिरा दुख का पहाड़

दोनों भाइयों का सड़क दुर्घटना में हुई दर्दनाक मौत के बाद परिवार पर दुख का पहाड़ टूट गया है। दोनों भाई परिवार को चलाने में भरपूर सहयोग कर रहा था। स्‍वजनों का रो रोकर बुरा हाल है। पड़ोस के लोग पीड़ित परिवार को समझने बुझाने में लगे हैं। 

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