नदियां उफान पर, कोसी के दर्जनों गांव बने टापू, जिला मुख्यालय से संपर्क भंग
कनकई व महानंदा का पानी पूर्णिया के बैसा प्रखंड के कई गांवों में तेजी से फैलने लगा है। खेतों में पानी घुस जाने से सैकड़ों एकड़़ में लगी धान की फसल डूब गई है। धुसमल गांव के नजदीक बनाया गया डायवर्सन पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया है।
पूर्णिया, जेएनएन। भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हो गई है जिससे प्रखंड के दर्जनों गांव में पानी फैलने लगा है। प्रखंड क्षेत्र में कनकई व महानंदा का पानी लगभग पंचायतों में फैल गया है। एक दर्जन से अधिक गांव टापू बन गए हैं तथा वहां बाढ जैसे हालात हैं। कई पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। खेतों में पानी घुस जाने से सैकड़ों एकड़़ में लगी धान की फसल डूब गई है।
इन गांवों में सबसे अधिक परेशानी, आने-जाने के लिए रास्ता नहीं
सबसे बुरा हाल बुधियार, अभयपुर, चौपड़, बौलान, सिरसी, हिजली, काशीबाड़ी, मठुआ टोली, पोखरया, मंगलपुर, आसियानी, खाताटोली, शीशाबाड़ी, मिर्चान टोला , जगदल, मालोपाड़ा बेहरान, ङ्क्षसघाड़ी कोल, पगला, सुरजापुर, आसजा, मंझौक आदि गांव का है। उक्त गांवों का पुरी तरह दूसरे गांव से संपर्क कट गया है। गांव से बाहर निकलने के लिए एक मात्र नाव ही सहारा बचा है। चारों ओर पानी के फैल जाने से मवेशियों का चारा मिलना मुश्किल हो गया है। इससे लोग परेशान हैं।
धुसमल और चरलुआ के पास का डायवर्सन टूटने से लोग और परेशाान
धुसमल गांव के नजदीक बनाया गया डायवर्सन एवं चरलुआ गांव के नजदीक बनाया गया डायवर्सन पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया है। जिसके कारण कई पंचायत के लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग हो गया है। प्रखंड क्षेत्र के कई पक्की सड़कों पर भी पानी आ गया है। मुगरा पियाजी पंचायत के मुखिया परमेशवर बोसाक ने बताया कि मुगरा पियाजी पंचायत के ज्यादातर गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। लोगों का संपर्क भी जिला मुख्यालय से भंग हो चुका है। इससे लोग और परेशान हैं। वहीं, अंचलाधिकारी राज नारायण राजा ने बताया कि बाढ़ पर प्रशासन पूरी तरह नजर रखे हुए हैं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को किसी भी प्रकार की कठिनाइ नहीं होने दी जाएगी।