मधेपुरा में निगरानी के 10वें शिकार बने राजस्व कर्मचारी देवनारायण, सुरूचि की शिकायत पर हुई बड़ी कार्रवाई

मधेपुरा में लगातार निगरानी विभाग कार्रवाई कर रही है। 51 हजार रुपया रिश्वत लेते निगरानी ने किया है गिरफ्तार। जमीन दाखिल-खारिज के नाम पर ले रहे थे रिश्वत। नौवां शिकार हुआ था हेड क्लर्क बिंदेश्वरी। 50 हजार रुपया केस खत्म करने के एवज में हेड क्लर्क ले रहा था घूस।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 05:45 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 05:45 PM (IST)
मधेपुरा में निगरानी के 10वें शिकार बने राजस्व कर्मचारी देवनारायण, सुरूचि की शिकायत पर हुई बड़ी कार्रवाई
रिश्वत लेने के आरोप में राजस्व कर्मचारी की गिरफ्तारी हुई।

जागरण संवाददाता, मधेपुरा। भ्रष्टाचार के आरोप में लगातार मधेपुरा के अधिकारी से लेकर कर्मी तक निगरानी के गिरफ्त में आ रहे हैं। इस बार दसवें शिकार मधेपुरा अंचल में प्रतिनियुक्त राजस्व कर्मचारी देवनारायण मेहता बने हैं, जो 51 हजार रुपये रिश्वत जमीन दाखिल-खारिज के नाम पर ले रहे थे। उनकी नियुक्ति गम्हरिया कार्यालय में थी। फिलहाल वे मधेपुरा अंचल में प्रतिनियुक्त थे।

उनके खिलाफ हनुमान नगर चौड़ा की रहने वाली सुरूचि ने शिकायत की थी। जो जुलाई व अगस्त में अपनी जमीन का दाखिल-खारिज करने के लिए अंचलाधिकारी को आनलाइन आवेदन की थी। राजस्व कर्मचारी ने इसके लिए 51 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। इससे पहले जिले के नौ अधिकारी व कर्मी को निगरानी ने गिरफ्तार किया है। इसमें जिला निलामवाद पदाधिकारी का हेड क्लर्क बिंदेश्वरी सादा भी शामिल है। जिसे निगरानी विभाग ने 50 हजार रुपया रिश्वत लेते पकड़ा था। वे सेवानिवृत शिक्षक निरंजन कुमार से केस खत्म करने को लेकर राशि की मांग की थी।

वहीं 15 अक्टूबर 2019 को मुरलीगंज में पदस्थापित मनरेगा के कनीय अभियंता अभिषेक आनंद निगरानी विभाग ने अपना आंठवा शिकार बनाया था। उन्हें नाढ़ी पंचायत के उप मुखिया त्रिभुवन यादव से 30 हजार रुपया घूस लेते गिरफ्तार किया था। कनीय अभियंता अभिषेक आनंद के खिलाफ सात निश्चय योजना में मापी पुस्तिका पूर्ण करने के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। वहीं पहले 29 जून 2019 को मुरलीगंज के ही विद्युत विभाग के कनीय अभियंता राधेश्याम कुमार को निगरानी विभाग ने पकड़ा था।

राधेश्याम कुमार रघुनाथपुर पंचायत के दिनकर कुमार से आटा चक्की में विद्युत कनेक्शन देने एवज में 45 हजार की मांग की थी। नवंबर 2017 में सदर बीडीओ दिवाकर कुमार को भी निगरानी विभाग ने इंदिरा आवास सहायक से 50 हजार रुपया घूस लेने के आरोप में पकड़ा था। आवास सहायक नीतीश कुमार ने इसकी शिकायत निगरानी विभाग से की थी।

रिश्वत लेने के आरोप में निगरानी की टीम ने तीन पदाधिकारी सहित एक अमीन को भी गिरफ्तार किया है। मालूम हो कि मधेपुरा में रिश्वत के आरोप में निगरानी विभाग का पहला शिकार एक जिलाधिकारी हुए थे। उसके बाद उत्पाद अवर निरीक्षक जिला सहकारिता पदाधिकारी व जमीन सर्वे कार्य में जुटे एक अमीन भी गिरफ्तार किया चुका है। राजस्व कर्मचारी के गिरफ्तारी के बाद अब निगरानी का अगला शिकार कौन होता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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