आरडी एंड डीजे कॉलेज मुंगेर : कभी था पूर्व बिहार का कैंब्रिज, आज छात्र नहीं लेना चाहते नामांकन

आरडी एंड डीजे कॉलेज मुंगेर यह कॉलेज कभी पूर्व बिहार का कैंब्रिज कहा जाता था। आज यहां नामांकन करने से भी छात्र कतराते हैं। यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। शिक्षकों की कमी है। संसाधन भी नहीं है। छात्र को काफी परेशानी होती है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 05:46 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 05:46 PM (IST)
आरडी एंड डीजे कॉलेज मुंगेर : कभी था पूर्व बिहार का कैंब्रिज, आज छात्र नहीं लेना चाहते नामांकन
आरडी एंड डीजे कॉलेज मुंगेर, संसाधन और शिक्षक नहीं।

जागरण संवाददाता, मुंगेर। आरडी एंड डीजे कॉलेज अंग क्षेत्र के नामचीन कॉलेज में से एक है। कभी इस कॉलेज को पूर्व बिहार का कैंब्रिज भी कहा जाता था। इस कॉलेज से शिक्षा ग्रहण कर लोग देश विदेश में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। वर्तमान समय में कॉलेज शिक्षक, शिक्षणेतर कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। बता दें कि आरडी एंड डीजे कॉलेज में शिक्षणेतर कर्मचारियों का घोर अभाव है। जिसके कारण कार्य को ससमय संपादित करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिक्षणेतर कर्मचारियों के 96 पद  स्वीकृत है। लेकिन 64 शिक्षणेतर कर्मचारी ही कार्यरत है। जिसमे कुछ कर्मचारियों को मुंगेर विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्त कर दिया है। जिसके कारण परेशानी और बढ गई है। कर्मी की कमी के कारण कॉलेज के कार्य को ससमय संपादित करने में कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता। नामांकन, परीक्षा फॉर्म  एवं शुल्क जमा करने में छात्रों को परेशानी होती  है। मिनटों का काम घंटो में होता है। इस कॉलेज परिसर में ही मुंगेर विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन भी है। कॉलेज परिसर से ही कुलपति सहित विश्वविद्यालय के सभी वरीय अधिकारी रोज गुजरते हैं। इसके बाद भी कॉलेज की स्थिति में बदलाव नहीं होने पर दीया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। छात्र अभिषेक कुमार, रौशन कुमार, सुमित कुमार, राहुल कुमार, मनोज कुमार आदि ने कहा कि कॉलेज में शिक्षक एवं कर्मचारियों की काफी कमी है। परीक्षा फॉर्म, नामांकन शुल्क आदि जमा करने में कर्मी के कमी के कारण एक या दो काउंटर ही खोले जाते है। जिसके कारण छात्रों की लंबी कतार लग जाती है। जिसके कारण हमलोगों का काफी समय बर्बाद हो जाता है। साथ ही शिक्षक की कमी के कारण कक्षाएं भी स्थगित हो जाती   है। हमलोग शिक्षक एवं शिक्षेतर कर्मचारी की मांग कर रहे है। लेकिन न  तो शिक्षक की कमी दूर हो सकी है न ही कर्मचारी की। जिसके कारण हमलोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

कॉलेज में शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मचारियों की काफी कमी है। शिक्षक के 98 पद स्वीकृत है। वर्तमान में 29 शिक्षक ही कार्यरत हैं। शिक्षणेतर कर्मचारियों के 96 पद  स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 64 ही कार्यरत हैं। शिक्षक एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों की कमी दूर करने की मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से की गई है। कठिनाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।-  डॉ. गोपाल प्रसाद यादव, प्राचार्य, आरडी एंड डीजे कॉलेज, मुंगेर

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