लड़की को गोद में उठाकर कटहल पेड़ के पीछे ले गया था रंजीत, फिर किया घिनौना काम, भागलपुर अदालत ने कहा कोई रहम नहीं
भागलपुर में दुष्कर्म के अभियुक्त को दस साल की कैद। पाक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश एमपी सिंह की अदालत ने सुनाया फैसला। घटना के बाद से अबतक नौ साल की सजा काट चुका है अभियुक्त। पीरपैंती इलाके में पांच फरवरी 2013 को हुई थी वारदात।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। पाक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश एमपी सिंह की अदालत ने मंगलवार को किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी अभियुक्त रंजीत मंडल को दस साल की सश्रम कारावास और 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। न्यायाधीश ने पीडि़ता को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता पीडि़त राहत कोष से देने का भी निर्देश दिया है। अभियुक्त गिरफ्तारी के बाद से जेल में ही है। वह लगभग नौ साल की सजा काट चुका है। अदालत ने कहा है कि जेल में बिताई अवधि का समायोजन सजा से किया जाएगा। सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक नरेश प्रसाद राम ने बहस में भाग लिया।
गोद में उठाकर ले गया था रंजीत
पीरपैंती थाना क्षेत्र में पांच फरवरी 2013 को किशोरी से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। पीडि़ता घर से कहीं जा रही थी। रास्ते में रंजीत मंडल ने उसे रोककर गोद में उठाकर पास के कटहल पेड़ के पीछे ले गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। किसी को घटना के बारे में नहीं बताने की धमकी भी दी थी (अभियुक्त का पीडि़ता से नजदीकी रिश्ता है। पीडि़ता ने घर आकर स्वजनों को घटना की जानकारी दी। तब उसकी बड़ी बहन ने केस दर्ज कराया था। इस मामले में पांच गवाहों की गवाही कराई गई थी।
राम लखन हत्याकांड में दो को उम्रकैद
सबौर थाना क्षेत्र के बैजलपुर में 14 मई 2010 को हुए रामलखन हत्याकांड में मंगलवार को चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार चौधरी ने दोषी चौधरी मंडल और पवन मंडल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया है। मामले में सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक भवानी शंकर मिश्रा ने बहस में भाग लिया।
भूमि विवाद में हुई थी हत्या
भूमि विवाद में रामलखन मंडल की हत्या कर दी गई थी। पुत्र जयकांत मंडल ने सबौर थाने में 15 मई 2010 को केस दर्ज कराया था। जयकांत ने पुलिस को जानकारी दी थी कि 14 मई की रात मूंग लगी खेत में पटवन कराने के बाद वह पिता के साथ बोरिंंग के पास बासा पर सो रहा था। रात्रि करीब एक बजे उसकी नींद टूटी तो देखा कि गांव के चौधरी मंडल और पवन मंडल आए और पिता के सिर पर हथियार से वार कर दिया। इसके बाद उनके सिर को पत्थर से मारकर कूच दिया, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। मैंने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। दोनों अभियुक्तों के साथ बीते नौ साल से भूमि विवाद चल रहा था। सात मई 2010 को भी मारपीट हुई थी। चौधरी मंडल ने केस किया था, जिसमें 14 मई 2010 को पिता रामलखन मंडल को जमानत करानी पड़ी थी।