विधि-व्यवस्था को लेकर रंजीत रंजन ने बोला सरकार पर हमला, कहा- सुपौल में 15 दिनों के अंदर पांच लोगों की हत्या
कांग्रेस की पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने विधि-व्यवस्था के सवाल पर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सुपौल में 15 दिनों के अंदर पांच लोगों की हत्या हो गई लोगों में दहशत का माहौल है। लेकिन सरकार...
जागरण संवाददाता, सुपौल। सुशासन के नाम पर जनता से वोट बटोरने वाली नीतीश सरकार से ना विधि व्यवस्था संभाली जा रही है और ना ही अन्नदाताओं को समय से खाद बीज उपलब्ध करवा रही है । आखिर यह कैसी सुशासन की सरकार है कि निर्दोष लोगों को या तो जेल भेज दिया जाता है या फिर एक मोटी रकम लेकर केस से नाम छांटे जाते हैं। सरकार इस माध्यम से प्रशासनिक बिजनेस चला रही है। यह कहना है पूर्व सांसद रंजीत रंजन का।
वे शनिवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान बोल रही थी। बोली कि सुपौल जिले में 15 दिन के अंदर पांच हत्याएं हुई हैं। लेकिन एक भी घटना का पर्दाफास नहीं हो पाया है और ना ही अपराधी पकड़ में आ पाया है। इसमें प्रशासन का कोई दोष नहीं है । जैसी सरकार होगी वैसा प्रशासन होगा। एक तरफ आपराधिक घटनाएं बढ़ रही है तो दूसरी तरफ सरकार पुलिस को शराब की बोतलें खोजने में लगा दी है । सरकार लोगों को बताने में लगी है कि वह काफी गंभीर है।
यदि सरकार शराब के मुद्दे पर गंभीर है तो फिर विधानसभा के अंदर शराब की बोतलें कैसे मिल रही है। बिहार में सिर्फ तानाशाह की सरकार चल रही है । प्रशासन से ज्यादा सरकार दोषी है । जिले का एक थाना सही ढंग से काम नहीं कर पा रहा है । यदि सरकार इस सच्चाई से अनभिज्ञ है तो फिर हम बताना चाहते हैं कि हाल के दिनों में जहां-जहां हत्या हुई है वहां के थानों द्वारा जिम्मेवारी से काम नहीं किया गया है । आपसी छोटे-मोटे झगड़े में भी पहले निर्दोष लोगों का नाम केस में दे दिया जाता है फिर केस से नाम हटाने के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। यह एक प्रकार का प्रशासनिक बिजनेस चलाया जा रहा है।
आखिर सरकार अपराधीकरण को खत्म करना चाहती है या कि प्रशासन द्वारा अपराधीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है । भले ही इन बातों से आला अधिकारी समेत सरकार अपने को अनजान बताता हो परंतु हमारी पार्टी जल्द ही ऐसे करतूत करने वाले का नो सिर्फ नाम उजागर करेगी बल्कि थाने पर धरना भी देगी । लोग सरकार से आजिज हो चुके हैं। वे सड़क पर उतरने को मजबूर हो रहे हैं अब तो यहां के अन्नदाताओं को भी सड़क पर उतरने की मजबूरी हो गई है। सरकार किसानों को समय से खाद बीज उपलब्ध कराने में विफल साबित हो रही है।
उन्होंने कहा इस स्थिति के लिए यहां के किसान भी कम जिम्मेदार नहीं है। ऐसे किसानों को पंजाब हरियाणा के किसानों से सीख लेनी चाहिए जो अपने अधिकार की लड़ाई को ले छह माह तक सड़क पर डटे रहे और आखिरकार सरकार को कृषि कानून वापस लेने को बाध्य कर दिया । यहां के किसानों को भी अपने अधिकार के लिए लड़ाई लडऩी होगी तभी उन्हें सरकार द्वारा समर्थित एमएसपी का लाभ मिलेगा और उनकी दशा सुधरेगी। मौके पर जिला अध्यक्ष प्रो. विमल कुमार यादव, पूर्व विधायक प्रमोद कुमार ङ्क्षसह, जय प्रकाश चौधरी, नरेश मिश्र, अनोखा देवी समेत दर्जनों कांग्रेसी उपस्थित थे।