राजेंद्र की हुई वतन वापसी, देर रात भारतीय सीमा में किया प्रवेश, कुछ इस तरह हुआ स्वागत

बांग्लादेश की जेल में चार सालों से कैद भागलपुर के महादलित भूमिहीन परिवार का राजेंद्र रविदास बंद थे। उन्‍हें वहां से रिहा कर दिया गया। आज वे अपने घर पहुंचे। भारतीय सीमा पर उनका स्‍वागत हुआ। स्‍वजनों को देख उनके आंखों में आंसू भर गए।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 01:12 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 01:12 PM (IST)
राजेंद्र की हुई वतन वापसी, देर रात भारतीय सीमा में किया प्रवेश, कुछ इस तरह हुआ स्वागत
भागलपुर के उस्‍तू गांव में राजेंद्र रविदास।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। बांग्लादेश की जेल में चार सालों से कैद भागलपुर के महादलित भूमिहीन परिवार का राजेंद्र रविदास आज भागलपुर पहुंचे। उन्हें कल ही बांग्लादेश की जेल से रिहा कर दिया था। कल रात में वे भारतीय सीमा पर प्रवेश किए। जहां भारतीय अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी, मानवाधिकार कार्यकर्ता और ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन व स्‍वजन मौजूद थे। सभी ने उनके वतन वापसी पर स्वागत किया। उन्‍हें तिलक लगाया गया। 

वे कैदमुक्त होकर बुधवार की सुबह अपने घर पहुंचे। उसने वतन वापस लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन (एचआरयूएफ) के चेयरमैन विशाल रंजन दफ्तुआर सोमवार को ही भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय बार्डर रवाना हो गए थे। सीमा पर राजेंद्र के काफी स्‍वजन भी पहुंचे गए थे। मिलन क समय सभी की आंखें  नम थी। 

उसके वतन आगमन को लेकर बिहार सरकार के आला अधिकारियों को हाई कमीशन आफ इंडिया, ढाका, बांग्लादेश ने अपने 9 फरवरी के पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया था। इसके बाद उनके आगमन की यहां पूरी तैयारी की गई। 

चार सालों से थे बंद 

बांग्लादेश की जेल में चार सालों से बंद भागलपुर के राजेंद्र रविदास के यहां पहुंचने पर काफी खुशी है। उसकी रिहाई की लंबी लड़ाई विशाल रंजन दफ्तुआर ने लड़ी थी। गेडे-दर्शना बार्ड से मंगलवार को 12.45 बजे भारतीय सीमा में राजेंद्र को प्रवेश कराया। उनके वहां पहुंचने पर लोगों ने स्‍वागत किया। सभी की आंखें नम थी। लोग उसके साथ सेल्फी ले रहे थे। अपनी खुशी का इजहार किया। उस खुशी को इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाई। राजेंद्र रविदास भागलपुर के उस्तू गांव के रहने वाले हैं। मंगलवार की रात तीन बजे वह अपने घर पहुंचे। गांव में उत्सव जैसा माहौल है। लोगों ने कहा कि इन लोगों को काफी उम्मीद थी कि राजेंद्र की वतन वापसी जरूर होगी। 

कैसे पहुंचा जेल

राजेंद्र रविदास गलती से बांग्लादेश चला गया था। वहां की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। लंबी कानूनी प्रक्रिया और दोनों देशों के संबंध के आधार के बाद उन्हें चार साल बाद वहां से मु‍क्ति मिली। उनकी रिहाई के लिए विदेश विभाग के अधिकारी भी लगातार बांग्लादेश के अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। 

बता दें कि 12 सितंबर 2019 को दरभंगा के सतीश चौधरी की 11 सालों बाद बांग्लादेश की जेल से वतन वापसी हुई थी।  

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