भागलपुर के पंचायतों में लगेगी वर्षा मापक यंत्र, समय पर मिलेगी मौसम की जानकारी, नहीं होगी पानी की बर्बादी

अब बारिश के पूर्व ही किसानों को मिल जाएगा मौसम का हाल। इसके लिए भागलपुर में विशेष तैयारी की गई है। नोयडा की कंपनी प्रत्येक पंचायतों में लगाएगी वर्षा मापक यंत्र। इसके बाद किसान जिला और प्रदेश के मौसम निदेशालय से जुड़ जाएगा।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 23 Mar 2021 12:57 PM (IST) Updated:Tue, 23 Mar 2021 12:57 PM (IST)
भागलपुर के पंचायतों में लगेगी वर्षा मापक यंत्र, समय पर मिलेगी मौसम की जानकारी, नहीं होगी पानी की बर्बादी
भागलपुर में मौसम पूर्वानुमान की जानकारी के लिए यंत्र लगेंगे।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जल्द ही किसानों को मौसम की सटीक जानकारी मिलने लगेगी। सभी पंचायतों में किसानों को जानकारी देने के लिए वर्षा मापक यंत्र लगेगा। सर्वे का काम नोयडा की कंपनी वैमेट वेदर प्राइवेट सर्विस लिमिटेड के सीनियर फील्ड ऑफिसर कपिल कुमार के नेतृत्व में चल रहा हैं। जिले के सभी 242 पंचायतों में सर्वे का काम होगा और इसके बाद वर्षा मापक यंत्र लगना शुरू हो जाएगा। वर्षा मापक यंत्र लगने के बाद पंचायत के किसान जिला और प्रदेश के मौसम निदेशालय से जुड़ जाएगा। साथ ही जिला मौसम विज्ञान केंद्र को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के हवाले किया जा रहा है। इसके लिए एग्रीमेंट भी हो गया है।

किसानों पांच फीट जमीन पर लगेगा यंत्र

वर्षा मापक यंत्र कृषि सलाहकार या कृषि समन्वयक की जमीन पर लगेगा। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने जिला कृषि पदाधिकारी को वर्षा मापक यंत्र लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा ने सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को कृषि समन्वय व कृषि सलाहकार से संपर्क कर जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वर्षा मापक यंत्र लगाने के लिए पांच फीट लंबा और पांच फीट चौड़ा जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। वैमेट वेदर प्राइवेट लिमिटेड जमीन का सत्यापन करेंगे। जमीन के सत्यापन के बाद वर्षा मापक यंत्र लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा। इस वर्ष के अंत तक कार्य पूरा होने की संभावना है। इसके बाद किसान मौसम निदेशालय से सीधे जुड़ जाएगा।

बारिश के पानी को रोक सकेंगे किसान

बारिश के पूर्वानुमान के बाद किसान पानी के बचत के लिए प्रयास तेज कर देंगे। बारिश के पूर्व खेत के मेढ़ को दुरुस्त कर किसान बारिश के पानी को खेत में रोक सकेंगे। आहर, पाइन, तालाब, नदी में पानी रोकने की व्यवस्था करेंगे। इससे किसानों को जल संकट नहीं होगा। पानी की बर्बादी रूक सकेगी। किसान मौसम अनुकूल खेती कर सकेंगे और उत्पादन को बढ़ा सकेंगे।

सबौर मौसम निदेशालय करेगी मदद

जिले का मौसम विज्ञान केंद्र बिहार कृषि विश्वविद्यालय के हवाले हो जाएगा। सबौर कृषि विश्वविद्यालय में पहले से ही मौसम निदेशालय कार्यरत है। इसे और भी उपयोगी बनाने की कवायद चल रही है। यहां से किसानों पूर्वानुमान के अलावा कितनी बारिश होगी, इसकी भी जानकारी दी जाएगी।

सभी पंचायतों में वर्षा मापक यंत्र लगेगा। प्रखंड कृषि पदाधिकारी को कृषि सलाहकार व कृषि समन्वयक से मिलकर जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। वर्षा मापक यंत्र लगने से किसानों को जल बचत करने में सुविधा होगी। - कृष्णकांत झा, जिला कृषि पदाधिकारी 

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