Rain in Bihar: धान, मक्का और सब्जियों को भारी नुकसान, आलू हुआ पिछात, कैसे करें फसलों की रक्षा

Rain in Bihar दस साल का टूटा रिकार्ड अक्टूबर में तीन दिनों में हुई 150 एमएम बारिश। बारिश के साथ तेज हवा बहने से धान की फसल ज्यादा हुई है प्रभावित। अधिकांश खेतों में धान में बालियां आ गई थीं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:38 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:38 AM (IST)
Rain in Bihar: धान, मक्का और सब्जियों को भारी नुकसान, आलू हुआ पिछात, कैसे करें फसलों की रक्षा
बारिश की बूंदों में धुल गए अन्नदाता के अरमान।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। अक्टूबर महीने में 150 एमएम हुई बारिश से धान सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश के साथ तेज हवा बहने से सबसे अधिक धान की फसल प्रभावित हुई है। खेतों में लहलहा रही धान की फसल गिर गई है। बीते तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के कारण किसानों को परेशानी बढ़ गई है।

धान, मक्का, सब्जी आदि फसल लगाए किसानों की कमर तोड़ दी है। किसानों कहना है एक बार फिर से आसमान से आफत बरस रही है, जो हमलोगों के अरमानों पर पानी फेर रही है। मौसम अनुकूल रहने से इस बार धान की अच्छी पैदावार होने की संभावना थी, लेकिन बिना मौसम हुई बारिश और तेज हवा चलने के कारण त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अधिकांश खेतों में धान में बालियां आ गई थीं। खेत में धान की फसल गिरने से उसमें दाना नहीं भर सकेगा।

गाढ़ी कमाई हो रही बर्बाद

बारिश और तेज हवाओं के कारण खेत में खड़ी धान की फसल गिर गई है। खेतों में भरे पानी से किसान अपनी गाढ़ी कमाई को बर्बाद होता देख रहे हैं। आलू की बोआई कर चुके किसानों के खेतों में पानी भर गया है। बारिश के के कारण तिलहनी फसलों की बोआई पिछड़ जाएगी। कहलगांव प्रखंड में 4831 हेक्टेयर में धान की फसल लगी थी, जिसमें से करीब 2200 हेक्टेयर में लगी फसल बाढ़ में डूब कर पहले ही बर्बाद हो गई थी। लगातार बारिश में करीब 2600 हेक्टेयर में लगी धान फसल बर्बाद हो गई है। धान में दाना की जगह खखरी हो जाएगा। यहां आलू, बैगन, गोभी और मिर्च को भी नुकसान पहुंचा है। लत्तीदार सब्जियां बर्बाद हो गई है। करीब 200 एकड़ में मसूर और 100 एकड़ में छींटी गई अन्य दलहन फसल सड़कर बर्बाद हो गई है। रबी की बोआई में भी विलंब होगा।

नाथनगर व सन्हौला के किसान हुए तबाह

तीन दिनों से हो रही बारिश से धान, रैचा और गोभी को भारी नुकसान पहुंचा है। नाथनगर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी रजनी रंजन रजक ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को हुआ है। सन्हौला में मुख्य रूप से धान की फसल लगी थी। एक हजार हेक्टेयर में लगी धान की फसल को नुकसान हुआ है।

कतरनी धान को भी पहुंचा नुकसान

जगदीशपुर क्षेत्र में भी अत्यधिक बारिश होने और पूर्वा हवा चलने से खेतों में धान का पौधा गिर गया। जिसमें कतरनी धान भी है। करीब पचास एकड़ में लगे धान को नुकसान पहुंचा है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी तारकेश्वर प्रसाद ने बताया कि कितने एकड़ में धान की फसल को क्षति हुई है, जांच करने क निर्देश कृषि सलाहकारों को दे गई है। किसान अभी सब्जी खासकर आलू और गोभी की खेती करने की तैयारी ही कर रहे थे। अमूमन प्रखंड क्षेत्र में दुर्गा पूजा के बाद ऊंची जमीन पर सब्जी की खेती करने की तैयारी होती है। शेष जमीनों पर धान की फसल कटने के बाद सब्जी सहित दलहन की खेती की जाती है।

नवगछिया इलाके के किसान तबाह

नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र में हो रही बारिश से लगभग 33 फीसद धान की फसल को नुकसान हुआ है। नारायणपुर के प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी चितरंजन चौधरी ने बताया कि धान की फसल को नुकसान हुआ है। प्रखंड के नौ पंचायत में धान की खेती होती है। इस्माइलपुर और गोपालपुर प्रखंड में धान की खेती लगभग नहीं होती है, लेकिन यहां सब्जी के बीज की बुआई की गई थी। खेत में ही पौधा डूब गया है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि बाढ़ के समय ही फसल बर्बाद हो चुका था। अभी मुश्किल से 10 से 15 फीसद ही सब्जी की खेती की गई थी, जिसका नुकसान हुआ है।

देर से होगी रबी फसल की बोआई

पीरपैंती में पिछले तीन दिनों से हवा के साथ लगातार हो रही बारिश के चलते धान एवं अन्य फसलों को व्यापक क्षति हुई है। 30 फीसद से अधिक धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। पीरपैंती में करीब 4200 हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी, जिसमें करीब दो सौ हेक्टेयर में लगी फसल बाढ़ के पानी से पहले ही बर्बाद हो चुकी है। चित्रा नक्षत्र में हुई बारिश से तीस फीसद से अधिक नुकसान का अनुमान है। जबकि बचे हुए धान की फसल में खखरी हो जाने की आशंका है। करीब 150 एकड़ से अधिक में मसूर, सरसो एवं छींटी गई अन्य फसल सड़कर बर्बाद हो जाएगा। रबी फसल की बोआई में भी विलंब होगा। नेनुआ, भिंडी आदि हरी सब्जी भी बर्बाद हो जाएगा।

गोराडीह में पकने वाला था धान

गोराडीह प्रखंड में मूसलाधार बारिश के बाद किसानों के खेतों में लगी धान की फसल को हानि पहुंची है। अधिकांश किसानों के खेतों में धान की फसल में बाली आ गई थी, जो अब पकने के कगार पर था, लेकिन बारिश के बाद फसल को हानि पहुंची है। किसान जयप्रकाश यादव, विकास यादव, सच्चिदानंद पांडे ने बताया कि खेतों में फसल गिरने के कारण पैदावार तो कम होगी ही, पुआल भी अब बर्बाद होगा।

33 फीसद से अधिक फसल के नुकसान पर मुआवजा देने के प्रावधान है। फसल क्षति का आकलन कराया जाएगा। अगर 33 फीसद से अधिक का नुकसान हुआ होगा तो मुआवजा मिलेगा। - कृष्णकांत झा, जिला कृषि पदाधिकारी

chat bot
आपका साथी