हावड़ा में बैठे रेलवे के वरीय अफसर हर रोज लौह नगरी से मंगा रहे पानी, आखिर क्‍या है काली पहाड़ी के पानी का राज?

लौह नगरी के काली पहाड़ी का पानी कोरोना काल में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां के पानी से हावड़ा में बैठे रेवले के अधिकारी अपनी इम्‍युनिटी बढ़ा रहे हैं। साथ ही आसपास के लोग भी काली पहाड़ी का पानी पी रहे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 14 Jul 2021 02:22 PM (IST) Updated:Wed, 14 Jul 2021 02:22 PM (IST)
हावड़ा में बैठे रेलवे के वरीय अफसर हर रोज लौह नगरी से मंगा रहे पानी, आखिर क्‍या है काली पहाड़ी के पानी का राज?
काली पहाड़ी के नीचे पानी भरते लोग।

मुंगेर [रजनीश]। जमालपुर काली पहाड़ी स्थित छुरछुरिया के पानी से रेल के अफसर और नगर के लोग सेहत बना रहे हैं। ऐसे लोगों को इस पानी का स्वाद आरओ के पानी से बेहतर लगता है। काली पहाड़ी की तराई से 24 घंटे पानी निकलता रहता है। इसे लेने के लिए 24 घंटे भीड़ लगी रहती है। जमालपुर से हर दिन हावड़ा के लिए लगभग 80 लीटर पानी ट्रेन से भेजा जाता है। रेल चिकित्सकों के अनुसार पहाड़ से निकलने वाला यह पानी पेट की बीमारियों के लिए रामबाण है। जानकार बताते हैं कि ब्रिटिश अधिकारी भी यह पानी पीते थे।

हाईलाइर्टस

- 24 घंटे पहाड़ की तराई से निकलता है पानी

- 700 घरों में हर दिन हो रही आपूर्ति

- स्थानीय लोग एक रुपये लीटर बेच रहे पानी

कई वर्ष पहले विज्ञानियों की एक टीम पानी का स्रोत जानने के लिए आई थी। तब जमीन की खोदाई की गई, लेकिन यह पता नहीं चल पाया कि पानी कहां से आता है। कुछ वर्ष पूर्व स्थानीय और रेलवे के चिकित्सकों ने छुरछुरिया के पानी और बाजार में बिकने वाले बोतलबंद पानी की जांच कराई थी। छुरछुरिया के पानी में टीडीएस और मिनरल्स ज्यादा मिले थे। जमालपुर में भारतीय रेल का यांत्रिक और विद्युत इंजीनियङ्क्षरग संस्थान (इरिमी) है। यहां एससीआरए (स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस) की पढ़ाई होती थे। यहां तैनात अफसर भी छुरछुरिया का पानी ही पीते थे। कई अफसरों का तबादला कोलकाता हो गया। उसके बाद से वे पहाड़ का पानी ही मंगवाकर पी रहे हैं।

रेल अस्पताल में मरीजों को भी दिया जाता है पानी

जमालपुर रेल अस्पताल के डा. कुमार संजय कहते हैं कि इस पानी का किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं है। बोतलबंद पानी की तुलना में इसमें मिनरल्स ज्यादा है। रेल अस्पताल में भर्ती अधिसंख्य मरीज छुरछुरिया का पानी ही पीते हैं।

बिना पूंजी के रोजगार, एक रुपये लीटर बिकता है पानी

नयागांव निवासी नरेश यादव, मुगरौरा के जय किशोर मंडल, जमालपुर के सुमन कुमार व ईस्ट कॉलोनी के बादल कुमार कहते हैं कि छुरछुरिया का पानी बाजार में बिक रहा है। पानी लेने के लिए रात से ही भीड़ लगी रहती है। आसपास के लोग पानी लेने के लिए हर दिन पहुंचते हैं। एक रुपये लीटर छुरछुरिया का पानी घरों तक पहुंच रहा है। जमालपुर में लगभग 700 घरों के लोग हर दिन लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। इस पानी के व्यवसाय से कई बेरोजगारों को भी रोजगार मिला है।

प्रचुुर मात्रा में खनिज लवण

नेशनल रिसर्च आफ आयुर्वेद के अन्वेषक डा. एके शर्मा बताते हैं कि पहाड़ की तराई से निकलने वाले इस पानी में प्रचुर मात्रा में खनिज लवण हैं। इसके पानी में प्राकृतिक खनिजों का मिश्रण है। इसमें सूक्ष्म पोषक तत्व, मैग्नीशियम व कैल्शियम है। ये स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। इस पानी के सेवन से पेट संबंधित गड़बडिय़ां दूर होती हैं। पानी में मिनरल्स की अधिक मात्रा सेहत बेहतर रखती है।  

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