रेल यात्रियों को फिर से मिलेगा चादर, कंबल और तौलिया, मालदा रेल मंडल की महत्वपूर्ण ट्रेनों में होगी पहली जैसी सुविधा

इस बार ठंड में नहीं ठिठुरेंगे पैसेंजर। एसी में मिलेंगे बेडरोल। मालदा रेल मंडल की विक्रमिशला सुपर एलटीटी सहित कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों में जल्द होगी शुरुआत। जरूरत पड़ने पर डिस्पोजल तकिया कवर की कराया जाएगा मुहैया। तैयारी में जुटा रेलवे।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 09:22 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 09:22 AM (IST)
रेल यात्रियों को फिर से मिलेगा चादर, कंबल और तौलिया, मालदा रेल मंडल की महत्वपूर्ण ट्रेनों में होगी पहली जैसी सुविधा
ट्रेनों में फिर मिलेगी पहली जैसी सुविधा।

जागरण संवाददाता, मुंगेर : 2020 की तरह इस बार ट्रेन के एसी क्लास में सफर करने वाले यात्री ठंड में नहीं ठिठुरेंगे। कोरोना की वजह स्पेशल बनकर चल रही ट्रेनों को वास्तविक नंबर दिए जाने के बाद अब रेलवे बेडरोल की आपूर्ति करने की तैयारी में जुट गया है। पहले फेज में मालदा रेल मंडल की महत्वपूर्ण ट्रेनें विक्रमिशला एक्सप्रेस, सुपर एक्सप्रेस, एलटीटी, अंग एक्सप्रेस में बेडरोल की आपूर्ति जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इन महत्वपूर्ण ट्रेनों वातानुकूलित श्रेणी के यात्रियों को बेडरोल (चादर, कंबल और तौलिया) फिर से मिलेगी। कुछ ट्रेनों में तकिया का कवर डिस्पोजल दिया जाएगा।

दरसअल, कोरोना की पहली लहर के कारण 23 मार्च 2020 से देश भर में ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था। 2020 के जुलाई माह से एक-एक कर ट्रेनें चलने लगी। 2021 के अक्टूबर माह तक ट्रेनों का परिचालन स्पेशल बनकर किया जा रहा था। नवंबर से मालदा रेल मंडल की कई ट्रेनें नियमित हो गई। ऐसे में बेड रोल फिर से मिलने की प्रक्रिया तेज हो गई है।

छह हजार से ज्यादा बेडरोल की आपूर्ति

मालदा रेल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों के एसी क्लास में छह हजार से ज्यादा बेडरोल की आपूर्ति होती थी। भागलपुर स्थित मैकेनाइज्ड लाउंड्री सभी की धुलाई होती थी। लगभग 22 माह बाद फिर से बेडरोल की आपूर्ति शुरू हो रही है तो रेलवे पहले पुराने बेडरोल की जांच करेगी। जांच के बाद खराब और रद्दी हो चुके बेडरोल को बदला जाएगा।

रेल अधिकारी ने बताया कि कंबल का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा चार से पांच वर्ष और चादर का ढाई से तीन वर्ष तक किया जा सकता है। अब जब ठंड ने भी दस्तक दे दी है तो रेलवे भी यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए कदम बढ़ा दिया है। ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को भी बेडरोल की जरूरत महसूस होने लगी है। रेल यात्रियों ने भी बेडरोल की व्यवस्था शुरू कराने की मांग की है।

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