बिहारीगंज-चौसा वितरणी नहर का टूटा बांध, सैकड़ों एकड़ में लगी रबी फसल डूबी
पूर्णिया में बिहारीगंज-चौसा वितरणी नहर का बांध टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल डूब गई। किसानों ने नहर के तटबंध की मरम्मत को लेकर कई बार विभागीय अधिकारी व कर्मियों को सूचना दी गई लेकिन अब तक इसकी मरम्मत नहीं की गई है।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। प्रखंड के ग्राम पंचायत मटिहानी अन्तर्गत शिशवा गांव में बिहारीगंज-चौसा वितरणी नहर का पूर्वी तटबंध रविवार को अहले सुबह टूट जाने से लगभग 100 एकड़ में लगी मक्का तथा गेंहू की फसल पूरी तरह जलमग्न हो गयी है। फसल डूब जाने से किसान परेशान हैं। नहर के टूटने से शिशवा गांव निवासी कौशल किशोर यादव ,गजेंद्र यादव, बीरेंद्र यादव, राजेन्द्र मंटू यादव, राजेन्द्र यादव, नागो रजक, गज्जो यादव सहित तीन दर्जन से अधिक किसानों के खेत में लगी फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है। ग्रामीणों एवं किसानों ने बताया कि टूटे हुए स्थान पर नहर के तटबंध पहले से ही कमजोर था।
नहर के तटबंध की मरम्मत को लेकर कई बार विभागीय अधिकारी व कर्मियों को सूचना दी गई लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगा और अब यह विनाशलीला सामने आई है। इस संबंध में प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि क्षति का आकलन कर मुआवजा के लिए रिपोर्ट भेजा जाएगा।
नियमानुसार नहर में पानी छोडऩे से पहले कर्मियों के द्वारा जांच पड़ताल किया जाना है। परंतु बैगर जांच के ही नहर में पानी छोड़ दिया गया। जिसके कारण पानी का दबाव बढ़ते ही नहर का तटबंध टूट गया। नहर टूटने के बाद तेज गति से पानी के बहाव से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल नष्ट हो गयी। इधर ग्राम पंचायत मटिहानी के पैक्स अध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि इससे पूर्व धान फसल भी मूसलाधार बारिश में नष्ट हो गयी थी। किसानों को रवी फसल को लेकर उम्मीद थी लेकिन उस पर भी पानी फिर गया। उन्होंने बताया कि धान फसल के साथ साथ कोरोना संक्रमण ने ग्रामीण और किसानों को आर्थिक तंगी में डाल दिया था। और अब रवी फसल के नष्ट होने से किसानों की कमर टूट गयी है। उन्होंने सरकार से किसानों को फसल मुआवजा देने की मांग की है।