पति की सलामती के लिए सुहागिनों ने किया करवा चौथ
मधेपुरा। सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु को लेकर गुरुवार की देर शाम करवा चौथ का
मधेपुरा। सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु को लेकर गुरुवार की देर शाम करवा चौथ का पर्व उत्साह के साथ मनाया। मौके पर सुहागिन महिलाओं ने चांद का दीदार कर पति के दीर्घायु, वैभव और सुखमय वैवाहिक जीवन को लेकर ईश्वर से की।
जानकारी हो कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्थी को यह व्रत सुबह ब्रह्ममुहूर्त से शुरू होकर रात्रि में चंद्रमा-दर्शन के साथ संपूर्ण होती है। सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत उनके पति के प्रति आस्था, प्यार, सम्मान व समर्पण को प्रदर्शित करता है। कोसी में यह पर्व अब हर जगह मनाया जाता है। पहले यह पर्व कुछ शहरों तक ही था। पर यह पर्व अब धीरे-धीरे सभी जगह मनाया जाने लगा है। करवा चौथ के इस व्रत से महिलाओ, पति की लंबी उम्र के साथ-साथ संतान सुख का भी सौभाग्य प्राप्त होता है। हिदू धर्म में करवा चौथ नारी के जीवन का सबसे अहम दिन होता है। जिसे सुहागिन महिलाएं एक पर्व के रूप में मनाती हैं। साथ ही करवा चौथ को लेकर महिलाएं कथा का श्रवण भी करते हैं। रात्रि में चंद्र उदय होने पर उसकी पूजा-अर्चना कर पति के हाथों से पानी का घूंट पीकर अपना उपवास पूर्ण करती है।
शंकरपुर (मधेपुरा): करवा चौथ के अवसर पर आज सुहागिन महिला अपने सुहाग के रक्षा एवं दीर्घायु के लिए कारवा चौथ का व्रत आस्था व विश्वास के साथ मनाया। सुहागिन महिलाओं ने अपने पति के दीर्घायू की कामना के साथ चंद्रमा के दीदार के बाद ही सुहागिन अन्न जल ग्रहण किया। सुहागिन निर्जला व्रत रखकर पति की दीर्घायु की कामना कर अपने अमर सुहाग के रक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी की गई।
बिहारीगंज (मधेपुरा) : पति की दीर्घायु व अखंड सौभाग्य की कामना का पर्व करवा चौथ धूमधाम से मनाया गया। बिहारीगंज में जगह-जगह पर्व की रौनक देखने को मिली। महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा और रात में चांद के दीदार के साथ व्रत संपन्न किया। इसके पूर्व विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हुए सामूहिक रूप से व्रत की कथा कहीं गई।