प्रगतिशील किसान विनीता देवी को मिला इनोवेटिव फार्मर आवार्ड, अन्‍य महिला किसानों के लिए बनी प्रेरणादायी

पाइप विधि से शॉर्ट टर्म में 12 से 15 दिनों में कंपोस्ट तैयार कर इनोवेटिव फार्मर आवार्ड से सम्‍मानित विनीता बांका जिले के अन्‍य किसानों की प्रेरणा स्‍त्रोत बन गई हैं। वि‍नीता की मेहनत देख अब जिले के अन्‍य किसान भी इस विधि से कंपोस्‍ट तैयार करने में लगे हैं।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 09:25 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 09:25 AM (IST)
प्रगतिशील किसान विनीता देवी को मिला इनोवेटिव फार्मर आवार्ड, अन्‍य महिला किसानों के लिए बनी प्रेरणादायी
नई दिल्‍ली में सम्‍मानित होते बांका के प्रगतिशील किसान विनीता देवी

जागरण संवाददाता, बांका । सदर प्रखंड क्षेत्र के झिरवा गांव निवासी प्रगतिशीन महिला किसान विनीता देवी को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा के प्रतिष्ठित नवाचार किसान (इनोवेटिव फार्मर) आवार्ड शनिवार को दिया गया। इनको यह आवार्ड कृषि क्षेत्र में नवोन्मेषी कार्य करने के लिए नई दिल्ली में कृषि उन्नति मेला के अंतिम दिन दिया गया है।

पुरस्‍कार पाकर खुश है विनीता 

इस संबंध में विनीता कुमारी ने बताया कि यह आवर्ड पा कर काफी खुश हूं। इस आवार्ड के पीछे सबसे बड़ा योगदान इंडियन एग्रीरकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट पूसा का है। यही से हमने पाइप विधि से कम दिनो में मशरूम के कंपोस्ट तैयार करने की विधि सिखी है। लांग विधि से कंपोस्ट तैयार करने में 28 से 30 दिन लगते हैं। वहीं, प्रति क्विंटल 10 से 15 किलो मशरूम उत्पादन होता है, लेकिन पाइप विधि से शॉर्ट टर्म में कंपोस्ट तैयार करने में 12 से 15 दिन लगते हैं। और इसका उत्पादन 20 से 25 किलो प्रति क्विंटल का होता है। विनिता ने कहा कि पाइप विधि कम समय में कंपोस्‍ट तैयार करने की सरल विधि है मशरूम उत्‍पादन करने वाले हर किसानों को इस विधि के सीखने की जरूरत है। इस खाद से तैयार खाद में मशरूम का भी बेहतर उत्‍पादन होता है। 

विनीता महिला किसानों को सीखाएगी गुर 

पुरस्‍कार पाकर उत्‍साहित विनिता ने कहा वह जिले के महिला किसानों को कम समय में कंपोस्‍ट बनाने का गुर सीखाएगी ताकि वे इसका बेहतर उपयोग कर मशरूम का कम लागत पर अच्‍छा उत्‍पादन प्राप्‍त कर सकें। उन्‍होंने कहा कि मशरूम बिना खेत की खेती है। भूमिहीन महिला किसान जो झोपड़ी में गुजर बसर कर रही हैं वे भी मशरूम की खेती सहजता से कर सकती हैं। इसकी खेती में आने वाले लागत से तीन गुने मुनाफा होता है। इसकी बिक्री में भी कोई परेशानी नहीं होती है। बाजार में इसका दिन प्रतिदिन डिमांड भी बढ़ता जा रहा है। यह काफी गुणकारी है।  

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