सावन में नहीं होगा निजी नाव का परिचालन, भागलपुर के खतरनाक घाटों पर पूजा-पाठ करने की भी इजाजत नहीं
सावन का महीना शुरू हो गया है। भागलपुर के खतरनाक घाटों पर निजी नावों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। साथ ही खतरनाक घाटों पर स्नान और पूजा-पाठ पर भी रोक लगा दी गई है। इस संबंंध में...!
जागरण संवाददाता, भागलपुर! सावन के महीने में निजी नावों का परिचालन नहीं होगा। खतरनाक घाटों पर स्नान व पूजा-अर्चना और गहरे पानी में स्नान करने पर रोक लगा दी गई है। इस आशय का आदेश अनुमंडल दंडाधिकारी आशीष नारायण ने जारी किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि 25 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है। इस महीने श्रद्धालु नदी से जल भरकर विभिन्न शिव मंदिरों में कांवर ले जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का प्रचलन रहा है।
- खतरनाक घाटों पर स्नान, पूजा-अर्चना और गहरे पानी में स्नान करने पर रोक
- अनुमंडल दंडाधिकारी ने जारी किया आदेश, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
- किसी घाट पर घटना-दुर्घटना होने पर संबंधित थानाध्यक्ष होंगे जिम्मेदार
- 25 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन का महीना
इस सावन भी विभिन्न नदियों के घाटों पर स्नान व जल भरने के लिए काफी भीड़ होने की संभावना है। इस दौरान श्रद्धालु के नावों पर सवार होकर आने-जाने से दुर्घटना होने की संभावना है। नावों का परिचालन होने, खतरनाक घाटों पर पूजा-अर्चना करने और गहरे पानी में स्नान आदि करने के दौरान जान-माल की क्षति होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। इससे शांति व्यवस्था, विधि-व्यवस्था भंग होने की संभावना के साथ-साथ गंभीर आपदा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। शांति व विधि-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 22 अगस्त तक गंगा नदी में सरकारी नाव को छोड़कर अन्य नाव के परिचालन, खतरनाक घाटों पर पूजा व गहरे पानी में स्नान करने पर निषेधाज्ञा जारी किया गया है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी व थानाध्यक्ष को इसके लिए वृहत प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा गया है। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को भी अपने स्तर से प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा गया है। आदेश का उल्लंघन होने और दुर्घटना होने की स्थिति में संबंधित थानाध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा। दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।