प्रसव दर्द से कराहती रही महिला, नहीं मिला बेड, पति को उठाना पड़ा यह कदम

भागलपुर के अस्‍पतालों में अब तक बेहतर सुविधा नहीं मिली है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद भी यहां की व्‍यवस्‍था पटरी पर नहीं लौटी है। तकनीशियन और कर्मियों की मनमानी का खामियाजा मरीज को भुगतना पड़ रहा है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 09:07 AM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 09:07 AM (IST)
प्रसव दर्द से कराहती रही महिला, नहीं मिला बेड, पति को उठाना पड़ा यह कदम
सदर अस्‍पताल में सुविधा नहीं मिलने के कारण जेएलएनएमसीएच में कराया भर्ती।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर स्थित सदर अस्पताल में कुछ भी सही नहीं चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद भी अस्पताल की व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट रही है। तकनीशियन और कर्मियों की मनमानी का खामियाजा मरीज को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल कर्मियों की मनमानी फिर देखने को मिला। दरअसल, एक गर्भवती महिला स्वजनों के साथ प्रसव कराने पहुंची। नर्स ने महिला को कोरोना और दूसरी जांच के लिए पैथोलॉजी सेंटर भेजा। पति जांच सेंटर गए तो पैथोलॉजी सेंटर बंद था। इसके बाद पति आपातकालीन वार्ड पहुंचकर नर्सों को बंद होने की जानकारी दी। पति ने कहा कि  पत्नी को काफी दर्द हो रहा है। इसलिए एक बेड ही दे दें। पति कई बार गुहार लगाता रहा, लेकिन नर्सों ने एक नहीं सुनी। नर्स ने सीधे कहा कि पहले जांच कराए, इसके बाद ही बेड मिलेगा। करीब एक घंटे तक दर्द से कराह रही संगीता की हालत देखकर अंत में पति ने ई-रिक्शा पर बिठाया और पत्नी को जेएलएनएमसीएच लेकर पहुंच गए, जहां महिला को गायनी वार्ड में भर्ती कराया गया। महिला की हालत स्थिर है, महिला चिकित्सकों की निगरानी में इलाज चल रहा है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। ऐसे हुआ है तो मामले की जांच कराई जाएगी।

सरकारी अस्पतालों में प्रतिनियुक्ति पर नहीं होंगे चिकित्सक

सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी राहत दी है। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक की कमी को लेकर बराबर स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठने वालों सवालों पर विराम लग गया है। मरीजों की सुविधा को देखते हुए अब सदर अस्पताल से लेकर जिले के अनुमंडलीय, रेफरल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों को अब प्रतिनियुक्ति पर नहीं रखा जाएगा। अब हर जगहों पर स्थायी चिकित्सक ही होंगे। इसके लिए मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने निर्देश जारी किया है। सिविल सर्जन ने बताया कि स्थायी प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया एक सप्ताह के अंदर पूरी कर ली जाएगी। इस नई व्यवस्था से मरीजों को काफी राहत होगी। इलाज में किसी तरह की लापरवाही का आरोप मरीज और उनके स्वजन नहीं लगा सकेंगे। सिविल सर्जन ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में चल रहे स्वास्थ्य केंद्रों पर पूरा फोकस किया जा रहा है। मरीजों को हर चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।

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