टूट रहे तार, बाधित हो रही आपूर्ति

भागलपुर। घर-घर बिजली आपूर्ति वाले तारों की स्थिति बेहद खराब है। सिल्क सिटी में वर्षो से ता

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:57 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 07:57 PM (IST)
टूट रहे तार, बाधित हो रही आपूर्ति
टूट रहे तार, बाधित हो रही आपूर्ति

भागलपुर। घर-घर बिजली आपूर्ति वाले तारों की स्थिति बेहद खराब है। सिल्क सिटी में वर्षो से तारों को बदला नहीं गया है। ऐसे में आए दिन जर्जर तार टूटकर गिर रहे हैं। इससे आपूर्ति बाधित होती है, लेकिन इसका अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

शहर में तीन तरह की बिजली लाइनें हैं। 1613 किलोमीटर क्षेत्रफल में 33 हजार, 11 हजार और लो टेंशन लाइनें हैं। इन लाइनों में लगे 40-50 साल पुराने तार काफी जर्जर हो चुके हैं। जब भी तेज हवा चलता है और आंधी आती है तो 33 हजार वोल्ट के तारों के गिरने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन 11 हजार वोल्ट और लो टेंशन तार कभी भी टूटकर गिर जाते हैं। नतीजतन, घंटों बिजली आपूर्ति प्रभावित हो जाती है।

रोड क्रासिंग वाली जगहों पर तो हाइटेंशन लाइन के नीचे गार्ड वायर तक नहीं लगाया गया है। ऐसी जगहों पर गार्ड वायर लगाने की जरूरत है, ताकि तार टूटने के बाद वाहनों या राहगीरों पर नहीं गिरे। ऐसी जगहों को भी विभाग ने नजरअंदाज कर दिया है। पिछले 40 साल में डिस्ट्रीब्यूशन लाइन की स्थिति जस की तस है। गली-मोहल्ले समेत मुख्य सड़कों पर अक्सर तारों के टूटकर गिरने की घटनाएं होती हैं।

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कवर एलटी लाइन लगाई जाएगी

हालांकि इंटीग्रेटेड पावर डवलपमेंट स्कीम के तहत 1500 किलोमीटर एलटी, 80 किलोमीटर 33 और 150 किलोमीटर 11 हजार वोल्ट तार बदले जाएंगे। कवर एलटी भी लगेगा। कुछ इलाकों में खासकर प्रतिमा विसर्जन मार्गो पर कवर 11 हजार वोल्ट के तार बिछाए जाएंगे। भीखनपुर आरबीएसएस रोड स्थित पुराना विद्युत कार्यालय, सबौर इंजीनियरिग कॉलेज, नाथनगर समेत शहर में छह और विद्युत उपकेंद्र बनाए जाने हैं। विद्युत कार्यालय परिसर में अंडरग्राउंड उपकेंद्र बन रहा है। इंजीनियरिग कॉलेज, विद्युत कार्यालय परिसर और सीटीएस में काम शुरू कर दिया गया है। मायागंज, बरारी, सिविल सर्जन, टीटीसी, नाथनगर, अलीगंज पावर सब स्टेशन के पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई गई है। मायागंज और अलीगंज उपकेंद्र में दस-दस एमवीए के और ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं।

बढ़ाई जाएगी ट्रांसफार्मरों की क्षमता

900 नए ट्रांसफार्मर बदले जाएंगे। क्रासिंग रोड में तार को ऊपर करने के लिए ऊंचे पोल लगाए जाएंगे। इस पर 388 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 250 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 138 करोड़ रुपये बिहार सरकार की राशि शामिल है। ठेका टाटा प्रोजेक्ट को मिला है। वर्ष 2021 तक काम पूरा होगा।

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कोट इंटीग्रेटेड पावर डवलपमेंट स्कीम के तहत पुराने तारों को बदलने का काम 2021 में पूरा हो जाएगा। कई मुख्य जगहों में अंडरग्राउंड तार बिछाने का भी काम चल रहा है। क्रासिंग वाली जगहों पर तार को ऊपर करने के लिए पोल को ऊंचा किया जा रहा है। प्रतिमा विसर्जन मार्गो पर अंडरग्राउंड तार बिछाने के साथ ही कवर तार लगाने की योजना है।

-श्रीराम सिंह, उप महाप्रबंधक सह अधीक्षण अभियंता, एसबीपीडीसीएल, भागलपुर आपूर्ति क्षेत्र।

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