अविश्वास प्रस्ताव की पिच पर मेयर सीमा साहा की गुगली, कानूनी सलाह लेने की तैयारी में नगर आयुक्त

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भागलपुर नगर निगम की राजनीति गरमा गई है। अविश्वास प्रस्ताव पर मेयर सीमा साहा ने नगर आयुक्त के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उनके खिलाफ अब अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। वहीं विरोधी खेमा के पार्षद में गोलबंदी में लगे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 04:37 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 04:37 PM (IST)
अविश्वास प्रस्ताव की पिच पर मेयर सीमा साहा की गुगली, कानूनी सलाह लेने की तैयारी में नगर आयुक्त
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भागलपुर नगर निगम की राजनीति गरमा गई है।

जासं, भागलपुर। कई दिनों से अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नगर निगम में गहमागहमी चल रही थी। यहां तक की नगर आयुक्त ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक करने के लिए मेयर को पत्र तक जारी कर दिया। मंगलवार को मेयर ने अविश्वास प्रस्ताव की पिच पर गुगली फेंकी और नगर आयुक्त के पत्र का हवाला देते हुए कहा, अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है, इसलिए बैठक की तिथि तय करने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही नगर निगम की नियमावली का भी हवाला दिया। मेयर के इस पत्र के देने के बाद असंतुष्ट पार्षद खेमे में खलबली मच गई। आनन-फानन में तय किया कि बुधवार को नगर आयुक्त और जिलाधिकारी को खुद बैठक बुलाने की तिथि तय करने के लिए पत्र देंगे।

मेयर सीमा साह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाने के लिए नगर आयुक्त द्वारा जारी पत्र को लेकर कानून मंत्री ने तीखी टिप्पणी तक की थी। उन्होंने यहां तक कह डाला था, पत्र जारी करने के पहले आयुक्त को जिलाधिकारी और प्रमंडलीय आयुक्त से सलाह लेनी चाहिए थी। मंत्री की इस टिप्पणी के बाद ही यह चर्चा आम होने लगी थी कि अविश्वास प्रस्ताव का मामला लटकता दिख रहा है। खैर, मेयर ने आज नगर आयुक्त के दिए पत्र में लिखा है कि, वर्ष 2020 में 9 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जो बैठक बुलाई गई थी जो असफल रही थी। इसलिए नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 25(4) में स्पष्ट है कि प्रथम अविश्वास प्रस्ताव के अस्वीकृत हो जाने के बाद एक वर्ष बाद ही दूसरा अविश्वास प्रस्ताव पार्षदों द्वारा लाया जा सकता है। जबकि दूसरी बार प्रस्ताव 1 दिसंबर को दिया गया है, जो एक वर्ष को पूरा नहीं करता है। यह नगर पालिका अधिनियम का उल्लंघन है। इसलिए दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है इसलिए विशेष बैठक बुलाने का कोई मतलब नहीं है।

मेयर ने गुमराह करने का प्रयास किया : संजय सिन्हा

मेयर खिलाफ अïिवश्वास प्रस्ताव सही समय पर लाया गया है। नगर आयुक्त के पत्र देने के बाद उन्हें तिथि जारी करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया। निगम की नियमावली में यह भी है यदि मेयर विशेष बैठक की तिथि तय नहीं करेंगीं तो 17 पार्षद खुद तिथि तय कर लेंगे। हालांकि, नगर आयुक्त और जिलाधिकारी को भी हम लोग भी नियमावली का हवाला देकर विशेष बैठक की तिथि तय करने के लिए आग्रह करेंगे।

मेरे पत्र देने के बाद मेयर ने अपना जवाब भेजा है। मेयर ने विधि परामर्श लेने की सलाह दी है। इस संदर्भ में कानूनविद् से इस मुद्दे पर जानकारी ली जा रही है।

प्रफुल्ल चंद्र यादव, नगर आयुक्त  

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