मधेपुरा में मुख्‍य पार्षद की कुर्सी के लिए गरमाई सियासत, पार्षदों ने थाली पीट कर जताया विरोध

मधेपुरा में मुख्‍या पार्षद की कुर्सी को लेकर राजनीति गरमा गई है। पार्षदों ने बुधवार को थाली पीटकर विरोध किया। पार्षदों का आरोप है कि मुख्‍य पार्षद पद रिक्‍त है लेकिन इसके बाद भी यहां पर चुनाव नहीं कराया जा रहा है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 05:43 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:43 PM (IST)
मधेपुरा में मुख्‍य पार्षद की कुर्सी के लिए गरमाई सियासत, पार्षदों ने थाली पीट कर जताया विरोध
मधेपुरा में मुख्‍या पार्षद की कुर्सी को लेकर राजनीति गरमा गई है।

संवाद सूत्र, मधेपुरा। नप पार्षद संघर्ष समिति आंदोलन का नया आयाम देते हुए बुधवार को कलेक्ट्रेट के समक्ष थाली पीटकर प्रशासन व राज्य निर्वाचन आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया। मुख्य पार्षद चयन के लिए निर्धारित तिथि की घोषणा को लेकर पांच दिन से आंदोलन पर डटे पार्षदों ने इस दौरान जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पूर्व मुख्य पार्षद निर्मला देवी ने कहा कि निर्वाचन आयोग में अब निष्पक्षता नहीं रह गई है। आयोग पूरी तरह से मनमानी रवैया अपना रहा है।

-चुनाव की तिथि का निर्धारण नहीं होने पर पार्षदों ने समाहरणालय के समीप थाली पीटकर जताया रोष

-18 सितंबर से आंदोलन कर रहे हैं वार्ड पार्षद

-05 दिन से लगातार आंदोलनरत रहने के बाद भी नहीं समस्या बरकरार

-06 अगस्त से मुख्य पार्षद का पद है रिक्त

-11 सितंबर को डीएम से मिलकर पार्षदों ने की थी समस्या के निराकर की मांग

निर्मला देवी ने कहा कि इस मामले में जिला प्रशासन का रवैया भी संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। छह अगस्त से मुख्य पार्षद का पद रिक्त है लेकिन अभी तक चुनाव की तिथि निर्धारित नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि 11 सितंबर को हम सभी पार्षद डीएम से मिले, बावजूद समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है।

जिला प्रशासन व चुनाव आयोग लोकतंत्र प्रणाली को ध्वस्त करने की कोशिश कर रही है। चुनाव आयोग को अगर लगता है कि छह अगस्त को नगर परिषद की विशेष बैठक अवैध था तो उसे रद करते हुए पुन: चुनाव प्रक्रिया की जाए। वहीं अगर चुनाव वैद्य है तो तो अभिलंब मुख्य पार्षद के चुनाव की तिथि निर्धारित की जाए। ताकि नगर परिषद में रुके विकास कार्य में तेजी लाया जा सके।

पार्षद अशोक कुमार ङ्क्षसहा ने कहा कि नप में लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं रहने के कारण विकास कार्य बिल्कुल अवरूद्ध है। मौके पर रतन देवी, सुप्रिया कुमारी, कंचन कुमारी, कुमारी विनीता भारती, अभिलाषा कुमारी, उषा देवी,, अहिल्या देवी, अनमोल कुमार, नारायण पाती, रेखा देवी, सीमा देवी, अशोक कुमार यादव, रीता कुमारी, चंद्रकला देवी, रेखा देवी समेत अन्य पार्षद मौजूद थे।

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