TMBU : सेवा नियमितीकरण और डोमिसाइल को लेकर गर्माने लगी राजनीति

TMBU मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल लागू होने के बाद बिहार में भी इसे लागू करने की मांग को लेकर अतिथि व्याख्याता शिक्षक संघ ने धरना दिया।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 07:00 PM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2020 07:00 PM (IST)
TMBU : सेवा नियमितीकरण और डोमिसाइल को लेकर गर्माने लगी राजनीति
TMBU : सेवा नियमितीकरण और डोमिसाइल को लेकर गर्माने लगी राजनीति

भागलपुर, जेएनएन। मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल लागू होने की घोषणा के बाद बिहार में भी इसकी आवाज बुलंद होने लगी। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के अतिथि व्याख्याता शिक्षक संघ ने डोमिसाइल समेत अन्य मांगों के साथ टीएमबीयू परिसर में एक दिवसीय धरना दिया। जिसमें सेवा नियमितीकरण, अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष की बाध्यता से मुक्त करने, यूजीसी रेगुलेशन 2009 के लागू होने से पूर्व के पीएचडी धारकों के लिए यूजीसी केयर जर्नल या स्कोपस जर्नल आलेख प्रकाशन संबंध बाध्यता को समाप्त करने समेत पांच सूत्री मांग रखी गई।

संघ के अध्यक्ष डॉ. आनंद आजाद ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि कई राज्यों में सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति में डोमिसाइल लागू है। उन्हीं राज्यों की तर्ज पर बिहार में भी इसे लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूबे के विभिन्न विश्वविद्यालय में करीब दो हजार अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। उनकी सेवा नियमित की जानी चाहिए, अन्यथा संघ चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी। डॉ. अरूण पासवान और डॉ. सत्यम शरण ने कहा कि कोरोना काल में भी अतिथि शिक्षकों ने ऑनलाइन कक्षाएं लीं। चार माह से उन्हें मानदेय नहीं मिला है। अविलंब भुगतान की मांग की है।

अतिथि शिक्षिका बीबी नूरजहां और कुमारी ऋृतु कुमारी ने कहा कि बिहार सरकार अतिथि शिक्षकों के मानदेय में अविलंब वृद्धि कर 25 हजार से 50 हजार रुपये कर भुगतान संबंधी निर्देश जारी करे। इसके लिए पूर्व में ही यूजीसी के निर्देशानुसार राजभवन में निर्णय लिया गया है। एसएम कॉलेज की अतिथि व्याख्याता स्वीटी कुमारी ने कहा कि वे लोग इस विपरित परिस्थिति में भी ऑनलाइन कक्षा लेकर छात्रों का सिलेबस पूरा करा रही हैं। उन लोगों की सेवा नियमित होनी चाहिए। अन्यथा वे लोग अपनी आवाज बुलंद करती रहेंगी।

इस दौरान धरना में बीएनएमयू मधेपुरा के डॉ. कौशल किशोर चौधरी, डॉ. अमरेंद्र कुमार, डॉ. मु. अरसदुज्जमा, डॉ. संजय सुमन, डॉ. अफसर अहमद, डॉ. आलोका कुमारी, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. अजय झा, डॉ. प्रियतम, डॉ. अभिषेक आनंद, डॉ. चंदन साह, डॉ. कुंदन दुबे, डॉ. रमानंद सागर, डॉ. मोहिनी कुमारी, डॉ. आदित्य कुमार, टीना ट्विंकल समेत दर्जनों अतिथि शिक्षक मौजूद थे।

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