एमडीएम के चावल घोटाले पर राजनीतिक दल भी मुखर, निष्पक्ष जांच की मांग, जानिए वजह

बारसोई प्रखंड के स्कूली छात्रों के एमडीएम के चावल घोटाला का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एमडीएम प्रभारी संवेदक और स्कूल के प्रधानाध्यापक की मिलीभगत से यह खेल खेला गया है। उनके द्वारा बच्‍चों का निवाला काला बाजार में बेच दिया गया।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 04:50 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 04:50 PM (IST)
एमडीएम के चावल घोटाले पर राजनीतिक दल भी मुखर, निष्पक्ष जांच की मांग, जानिए वजह
बारसोई में लगातार तूल पकड़ रहा है मामला, कालाबाजारी में बेच दिए गए बच्चों के निवाले

जागरण संवाददाता, कटिहार । बारसोई प्रखंड के स्कूली छात्रों के एमडीएम के चावल घोटाला का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। यद्यपि जिला प्रशासन द्वारा अन्य प्रखंडों के एमडीएम प्रभारियों से इसकी जांच कराई गई, लेकिन राजनीतिक दलों ने इस जांच पर सवाल उठाते हुए इसके लिए विशेष टीम के गठन की मांग की है।

बता दें कि कोरोना काल में एमडीएम का चावल बच्चों के बीच वितरित करने का निर्देश था। अधिकांश स्कूलों में इसका वितरण नहीं होने की सूचना पर तीन दिन पूर्व इसकी जांच कराई गई है। यद्यपि इस मामले में अभी तक कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया है। एमडीएम प्रभारी, संवेदक और स्कूल के प्रधानाध्यापक की मिलीभगत से यह खेल खेला गया है।

जिला जदयू मीडिया सेल के संयोजक रोशन अग्रवाल ने जिलाधिकारी से निष्पक्ष और सही दिशा में जांच कराने और जांचोपरांत दोषी पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। भाजपा के अल्पसंख्यक सेल के मु. मूजा ने इसकी निष्पक्ष जांच होने की वकालत की है। आप नेता मुजीबुर रहमान व सुरजापुरी जन क्रांति मोर्चा बिहार के संयोजक ख्वाजा साहेब ने इस घोटाले की घोर ङ्क्षनदा करते हुए जिला प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की अपेक्षा जताई है।

बता दें कि लॉकडाउन पीरियड में सरकार द्वारा स्कूली बच्चों के एमडीएम के लिए सूखा राशन (चावल) वितरण करने के लिए तीन चरण में आवंटन दिया गया था। इसमें मई जून-जुलाई के प्रथम चरण के 80 दिन के लिए प्रति बच्चा आठ किलो तथा छठी से आठवीं वर्ग के बच्चों के लिए 12 किलो चावल तथा अगस्त सितंबर महीने के दूसरे चरण के लिए चार किलो एक सौ ग्राम चावल प्रति बच्चा एवं अक्टूबर-नवंबर में तीसरे चरण के तहत प्रति बच्चा चार किलो चावल आवंटन दिया गया था।

इधर संवेदक, एमडीएम प्रभारी और विद्यालय के प्रधानों की मिलीभगत से साढ़े 17 सौ क्विंटल चावल बाजार में बेच दिए जाने की आशंका है। जदयू मीडिया सेल के संयोजक श्री अग्रवाल ने कहा कि विभाग द्वारा जांच तो की जा रही है, परंतु जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। जो प्रधानाध्यापक उक्त घोटाले में संलिप्त हैं उन्हीं से पूछताछ और जानकारी बटोरी जा रही है। सही जानकारी बच्चों और उनके अभिभावकों से मिलेगी।

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