सफेद कपड़े में एसोसिएशन की नेतागिरी नहीं कर सकेंगे पुलिस वाले, देखिए डीजीपी ने क्या दिया है आदेश

डीजीपी ने पुलिस एसोसिएशन और पुलिस मेंस एसोसिएशन शाखा के पद धारकों को पुलिस की वर्दी धारण करने और सरकारी कार्य का निर्वहन करने का निर्देश दिया है। अब उन्हें अपने सरकारी कामकाज से जी चुरा अपने साथी-सहयोगियों और समर्थकों की पैरवी करने का मौका नहीं मिलने वाला है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 01:45 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 01:57 PM (IST)
सफेद कपड़े में एसोसिएशन की नेतागिरी नहीं कर सकेंगे पुलिस वाले, देखिए डीजीपी ने क्या दिया है आदेश
पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारियों को भी अब डयूटी करनी होगी।

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। पुलिस केंद्र, पुलिस कार्यालय समेत थानों और चेक नाकों पर सफेद शर्ट-पैंट या सफेद कुर्ता-पायजामा और अंगोछा लगाकर नेतागिरी चमकाने वाले पुलिसकर्मियों की मुश्किलें अब बढ़ गई है। अब उन्हें अपने सरकारी कामकाज से जी चुरा अपने साथी-सहयोगियों और समर्थकों की पैरवी करने और गप्पें लड़ाने का मौका ही पुलिस मुख्यालय ने छीन लिया है। पुलिस महानिदेशक ने इस बाबत पुलिस एसोसिएशन और पुलिस मेंस एसोसिएशन शाखा के पद धारकों को पुलिस की वर्दी धारण करने और सरकारी कार्य का निर्वहन करने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने उक्त निर्देशों के अनुपालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस उप महानिरीक्षक को दी है। भागलपुर पूर्वीय क्षेत्र के डीआइजी सुजीत कुमार ने भागलपुर एसएसपी निताशा गुड्यिा, नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज और बांका एसपी अरविंद कुमार गुप्ता को कहा है कि अपने जिले के पुलिस मेंस एसोसिएशन, पुलिस मेंस एसोसिएशन के पद धारकों को इस बाबत स्पष्ट निर्देश देकर उन्हें शीघ्र पुलिस वर्दी में काम करना सुनिश्चित कराएं।

पुलिस एसोसिएशन के पदाधिकारियों की दूर से झलक जाती हनक

पुलिस मेंस एसोसिएशन और पुलिस एसोसिएशन के पद धारक पुलिसकर्मियों की हनक दूर से ही झलक जाती है। भागलपुर में बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमेश कुमार यादव, मंत्री रामू रविदास, उपाध्यक्ष प्रथम रीतेश कुमार ङ्क्षसह, द्वितीय पीतांबर कुमार राय, तृतीय अजिताभ रंजन सिंह, कोषाध्यक्ष विकेश कुमार पटेल, संयुक्त मंत्री राजीव कुमार, सहायक सचिव जयप्रकाश, केंद्रीय सदस्य संदीप सोरेन, अंकेक्षक अभिलाषा कुमारी हैं। इनमें अध्यक्ष, मंत्री जैसे कुछ पद धारकों की धमक दूर से ही पुलिस केंद्र, पुलिस कार्यालय और थानों के अलावा चौक-चौराहों पर भी महसूस की जा सकती है।

स्कॉर्पियो, बुलेट मोटर साइकिल हो या पैदल भी जब सफेद कुर्ता, पायजामा और अंगोछे के अलावा सफेद शर्ट, पैंट और सफेद जूते-चप्पल के साथ इनका दल जिधर निकलता उधर ही भीड़ लग जाया करती है। कमोवेश यही स्थिति पुलिस एसोसिएशन के पद धारकों की भी है। दूर से ही उनकी उपस्थिति का एहसास हो जाता है। उन्हें उनके साथी पुलिस अफसर देख घेर लेते। उनकी दिनचर्या में साथी, समर्थकों को महकमे में सही जगह दिलाने, छुट्टी दिलाने, अहम शाखा में तैनाती, एसीपी का लाभ दिलाने आदि पैरवी करनी पड़ती है। अल सुबह या शाम को खास चौराहे पर इनकी बैठकी भी होती जहां यूनियन और राजनीतिक पैतरे पर गपबाजी होती है। सरकारी कार्य निष्पादन की दिशा में इनकी दिलचस्पी कम ही हुआ करती है। डीजीपी के ताजा आदेश से इनकी दिनचयार्् और एसोसिएशन की नेतागिरी पर ग्रहण लग जाएगा। इन्हें सरकारी कार्य में हर हाल में वर्दी पहननी होगी। अपने सरकारी कार्य का निष्पादन भी अब करना होगा। यूनियन के नाम पर अब ये सरकारी कार्य से दूर नहीं भाग सकेंगे।

सरकारी काम में वर्दी तो पहनते ही रहे हैं। हमारा संघ पूरी तन्मयता से अपने अधिकारी के आदेश का अनुपालन करेंगे।

सुमेश कुमार यादव, अध्यक्ष, बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन शाखा, भागलपुर।  

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