कैसे दिखेगी चकाचक वर्दी, अबतक नहीं मिला पुलिसकर्मियों को वर्दी भत्ता, भागलपुर के तीन हजार पुलिसकर्मियों को है इंतजार
साल बीतने में दो माह बाकी है लेकिन इस साल का वर्दी भत्ता सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक को नहीं मिल सका है। वर्दी भत्ता के रूप में सिपाही हवलदार सहायक अवर निरीक्षक और अवर निरीक्षक को दस हजार रुपये और इंस्पेक्टर को यह राशि 12 हजार रुपये मिलती है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जमीन, तख्त यहां तक की सीढिय़ों पर भी कभी रात बिताने के बाद भी दूसरे दिन मजे में सेवा देने वाले पुलिसकर्मियों के तन पर खाकी वर्दी चकाचक देखने की हसरत वरीय अधिकारियों की अधूरी रह जाएगी। साल बीतने में दो माह बाकी है लेकिन इस साल का वर्दी भत्ता सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक को नहीं मिल सका है।
भागलपुर में लगभग तीन हजार पुलिसकर्मी वर्दी भत्ते की राशि से अबतक वंचित हैं। यह स्थिति पूरे सूबे के जिलों में है। पुलिस मुख्यालय साल में एक बार जुलाई माह में वर्दी भत्ते की राशि का अलाटमेंट करती है। जुलाई माह में ही वर्दी भत्ते का भुगतान सिपाही, हवलदार, सहायक अवर निरीक्षक, अवर निरीक्षक और पुलिस निरीक्षक कर दिया जाता है। लेकिन अक्टूबर माह खत्म होने को है, अबतक इस मद में राशि का अलाटमेंट भी नहीं किया गया है।
सिपाही, हवलदार से लेकर अवर निरीक्षक को दस हजार, इंस्पेक्टर को 12 हजार रुपये का होता है भुगतान
वर्दी भत्ता के रूप में सिपाही, हवलदार, सहायक अवर निरीक्षक और अवर निरीक्षक को दस हजार रुपये और इंस्पेक्टर को यह राशि 12 हजार रुपये मिलती है। साल में इस राशि से उन्हें एक ऊनी और दो सूती कपड़े की वर्दी सिलाना होता है। इसके अलावा जूता, मोजा, टोपी, बेल्ट भी खरीदनी पड़ती है। वर्दी और अन्य वस्तुओं की खरीद के अलावा कपड़े की धुलाई और अन्य सामानों के मेंटेनेंस की जवाबदेही भी उनके स्वयं की होती है। इस बार वर्दी भत्ता नहीं मिलने से पिछले साल की सिली वर्दी आदि से पुलिसकर्मी काम चलाने को विवश हैं।
वर्दी भत्ता हम पुलिसकर्मियों का हक है, जिसका भुगतान समय पर पुलिस मुख्यालय को करा देनी चाहिए ताकि वर्दी और उससे जुड़ी वस्तुओं की खरीदारी पुलिसकर्मी समय पर खरीद कर उसका इस्तेमाल कर सके। जुलाई में हर साल मिलने वाले वर्दी भत्ते के नहीं मिलने से पुलिसकर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। -सुमेश कुमार यादव, अध्यक्ष बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन, भागलपुर जिला इकाई।