Sawan Somvar 2021: मधेपुरा स्थित मिनी बाबाधाम में उमड़ी श्रद्धालुओं भी भीड़, नहीं खुला मंदिर का पट, इस तरह लोगों ने की पूजा-अर्चना
Sawan Somvar 2021 मधेपुरा स्थित सिंघेश्वरधाम मिनी बाबाधाम के नाम से विख्यात है। यहां पर पहली सोमवारी को पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हांलांकि इस बार कोरोना के कारण मंदिर का पट बंद था। इस कारण लोगों ने मंदिर के बाहर ही पूजा-अर्चना की।
संवाद सूत्र, सिंहेश्वर (मधेपुरा)। मिनी बाबाधान के नाम से प्रसिद्ध ङ्क्षसहेश्वर धाम मंदिर बंद रहने के कारण सावन की पहले सोमवारी को पहुंचे श्रद्धलु ने बाहर से ही पूजा किया। कोई मंदिर के गेट तो कोई दीवार किनारे ही जलाभिषेक किया। पूजा अर्चना के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। लेकिन मंदिर बंद रहने के कारण उन्हें निराशा हाथ लगी। मालूम हो कि कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार ने छह अगस्त तक मंदिर खुलने की इजाजत नहीं दी है। ऐसे में प्रशासन ने मंदिर बंद कर बैरिकेङ्क्षटग लगा दिया है।
पंडा निवास स्थल पर की गई पूजा-अर्चना
शिवभक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ पंडा निवास के पास देखने को मिल। निवास स्थान के आस-पास कई जगह लोग जमा होकर पूजा के लिए संकप्ल लिया। उसके बाद जलाभिषेक कर रहे थे। सुबह से ही पंडा निवास को शिव का डेरा समझ श्रद्धालु पूजा-अर्चना में लगे रहे। बाजार में भी काफी चहल-पहल रही।
बायपास में सजी है दुकान
बाबा मंदिर के पीछे बने बायपास में स्थानीय दुकानदारों ने अपने जीवका को पटरी पर लाने का प्रयास करते हुए दुकान लगाया था। कोई फूल की तो कोई अन्य पूजा सामग्री की दुकान लगाकर श्रद्धालुओं का इंतजार करते रहे। वहीं पूजा करने पहुंची भीड़ को रोकने के लिए कई बार पुलिस ने बल प्रयोग करने की कोशिश की। लेकिन लोग नहीं हटे।
शिव के दर्शन को आतुर थे भक्त
सहरसा के पतरघट निवासी रामप्रकाश ङ्क्षसह अपनी पत्नी सुशीला देवी के साथ पूजा करने आए थे। उन्होंने बताया कि बाजार खुला है। माल खुल गया है। मवेशी हाट खुला है। ऐसे में मंदिर को बंद कर शिव भक्तों के साथ भेद भाव किया जा रहा है। वहीं सुखासन के रामशंकर झा ने ने बताया कि सावन माह में शिव के गले में जो विष है। उस विष को भगवान शंकर ने मंथन के दौरान पिया था। उसकी तपिश को शांत करने के लिए जलाभिषेक किया जाता है। सावन का महीना सबसे पवित्र महीना माना गया है। वहीं प्रमोद मिश्र ने बताया कि जो होता है वो बाबा भोलेनाथ की मर्जी से ही होता है। सब दुखों से पार सिर्फ व सिर्फ महाकाल ही लगा सकते हैं। सावन के पहले सोमवारी के दिन लगभग 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा मंदिर के आस पास हाजरी लगाई। इस दौरान कई बार पुलिस को जाम छूराने में भी भारी मस्कत करनी पड़ी ।