खगडिय़ा के लोग पी रहे आर्सेनिक और आयरन की अधिकता वाला पानी, इस तरह आपकी सेहत को पहुंचा रहा नुकसान

खगडिय़ा के कई गांव के लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है। वे लोग आर्सेनिक और आयरन की अधिकता वाला पानी पी रहे हैं। वहीं नल जल योजना की स्थिति भी ठीक नहीं है। कई गांवों में काम आधा अधूरा है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 11:50 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 11:50 AM (IST)
खगडिय़ा के लोग पी रहे आर्सेनिक और आयरन की अधिकता वाला पानी, इस तरह आपकी सेहत को पहुंचा रहा नुकसान
खगडिय़ा के कई गांव के लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है।

जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। खगडिय़ा की प्रसिद्धि नदी-पानी को लेकर है। फिर भी यहां के लोग शुद्ध-साफ पानी को तरस रहे हैं। पानी में आर्सेनिक और आयरन की मात्रा भयावह स्थिति में है। पीएचइडी के अनुसार जिले के सात में चार प्रखंड आर्सेनिक से प्रभावित हैं। इनमें सदर प्रखंड, मानसी, गोगरी और परबत्ता शामिल हैं।

जिले में आर्सेनिक की स्थिति

सदर प्रखंड के संसारपुर में 16 व रहीमपुर में 35 पीपीबी (पार्ट पर बिलियन) तक आर्सेनिक पाया गया है। गोगरी के बबराहा में 16, गौरेया बथान में 25 पीपीबी तक आर्सेनिक है। ये उदाहरण मात्र हैं। स्वास्थ्य के लिए पानी में आर्सेनिक की मात्रा 10 पीपीबी से अधिक खतरनाक है।

जिले में आयरन की मात्रा

संपूर्ण जिला आयरन की गिरफ्त में है। बेलदौर प्रखंड मुख्यालय में 3.5 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) तक पानी में आयरन पाया गया है। अलौली के लदौरा में 2.5, दहमा खैरी खुटहा में 2.2, परबत्ता के महद्दीपुर में 1.8 पीपीएम तक पानी में आयरन की मात्रा है। गोगरी के शेरचकला में 2.4 पीपीएम तक पानी में आयरन है। स्वास्थ्य के लिए 1.0 पीपीएम से अधिक पानी में आयरन की मात्रा नुकसानदेह है।

शुद्ध-साफ पानी मुहैया कराने को लेकर हो रहा प्रयास

बेलदौर प्रखंड मुख्यालय में पाइप वाटर सप्लाई स्कीम लग चुका है। ट्रायल हो चुका है। इसके चालू होने से बेलदौर प्रखंड मुख्यालय के कई वार्डों में आयरन मुक्त पानी मिलेगा। गोगरी के पसराहा में आयरन रिमुवल प्लांट कार्य कर रहा है। गौरेया बथान में भी वृहद स्तर पर कार्य किए गए हैं। सभी पुराने जलमीनार में आयरन रिमुवल प्लांट लगाए गए हैं। लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने को लेकर नल जल योजना से कार्य हो रहा है। परंतु, अब तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। कुछेक दिनों पूर्व पांच वार्डों में इस योजना के तहत कार्य तक आरंभ नहीं हुआ था।

क्या कहते हैं अधिकारी

पीएचइडी के कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार कहते हैं- कुल 1858 में अभी 1706 वार्डों में नल जल का कार्य हुआ है। 152 वार्डों में अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। स्थिति का सहज अंदाजा लगा सकते हैं। हालांकि विभाग का दावा है कि इस माह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

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