भागलपुर के पल्स हॉस्पिटल में मरीज के स्वजनों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

भागलपुर : तिलकामांझी थाना क्षेत्र के बरारी रोड स्थित पल्स हॉस्पिटल में गुरुवार की दोपहर अस्पताल क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 08:53 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 08:53 PM (IST)
भागलपुर के पल्स हॉस्पिटल में मरीज के स्वजनों 
को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
भागलपुर के पल्स हॉस्पिटल में मरीज के स्वजनों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

भागलपुर :

तिलकामांझी थाना क्षेत्र के बरारी रोड स्थित पल्स हॉस्पिटल में गुरुवार की दोपहर अस्पताल के स्टाफ और वहां भर्ती एक मरीज के स्वजन के बीच मारपीट हो गई। मरीज के पक्ष में अस्पताल के अंदर गाली-गलौज, हंगामा और तोड़फोड़ किया गया, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन का पक्ष लेते हुए पांच-दस लोगों ने मरीज के स्वजनों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। घटना की जानकारी पर बरारी पुलिस पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। फिर तिलकामांझी पुलिस भी पहुंची।

----------------------------

हृदयाघात की शिकायत पर शिक्षक को किया गया था भर्ती हृदयाघात की शिकायत पर 19 मार्च को बबरगंज थाना क्षेत्र के महेशपुर अलीगंज निवासी शिक्षक गणेश प्रसाद साह को भर्ती किया गया था। मरीज को पेशमेकर लगाया गया था। दो लाख रुपये खर्च हुए थे। उपचार बाद शिक्षक पुत्र अमृत राज और अन्य रिश्तेदार शिक्ष को घर लेकर चले गए। बकौल, अमृत राज सबकुछ सामान्य हो गया था। वह भी अपनी नौकरी पर बोकारो लौट आया था। आठ जून को अचानक फिर पिता के सीने में दर्द की शिकायत हुई। स्वजन उन्हें पल्स हॉस्पिटल लेकर गए। अस्पताल प्रबंधन ने पेशमेकर में खराबी आने की बात कह तत्काल 25 हजार रुपये जमा करने को कहा। इतनी जल्दी पेशमेकर खराब होने पर स्वजनों ने आपत्ति जताई। बोकारो से आकर मैंने भी इस बारे में डॉक्टर से बात की। बताया गया कि पेशमेकर को फिर से ऑपरेट करना होगा। इस पर मैंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन लिख कर दे कि फिर ऐसी शिकायत नहीं होगी। इस पर डॉक्टर बिफर गए और स्टाफ धक्का-मुक्की करने लगे। इस बीच डॉक्टर यह भी कहने लगे कि मरीज की हालत सीरियस है पटना ले जाना होगा। ले जाइए। अस्पताल प्रबंधन की हरकत का वीडियो बनाने लगा तो स्टाफ ने अस्पताल से बाहर हनुमान मंदिर के आगे तक दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। जेब से नकदी और मोबाइल भी छीन लिया। तिलकामांझी थाना और सिविल सर्जन के यहां लिखित शिकायत देकर पल्स अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई का अनुरोध किया है।

------------------------------

अस्पताल प्रबंधन ने वहन किया तीन दिनों का उपचार खर्च पल्स हॉस्पिटल के निदेशक डॉ.सुशील ठाकुर ने कहा कि तीन माह पूर्व मरीज को सीरियस हालत में भर्ती कराया गया था। उन्हें पेशमेकर लगाया गया। आठ जून को सिर में चक्कर आने के बाद फिर भर्ती कराया गया। उनसे किसी तरह की फीस नहीं लिया गया। पेशमेकर में खराबी आने और 25 हजार फीस मांगने की बात मनगढंत है। मरीज को आइसीयू में रखा गया था। तीन दिनों का उपचार खर्च अस्पताल प्रबंधन ने ही वहन किया। गुरुवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। वह बिना सहारा के घर गए। स्वजनों का दवाब था कि कुछ दिन और अस्पताल में रखिए, जो जरूरी नहीं था। इस पर स्वजनों ने हंगामा, गाली-गलौज और तोड़फोड की। इसकी शिकायत तिलकामांझी थाने में की गई है।

chat bot
आपका साथी