विधान सभा में परबत्ता विधायक ने उठाया टोपो लैंड का सवाल, बहुरेंगे किसानों के दिन

किसानों से जुड़ी बड़ी समस्‍या को क्षेत्र के परबत्‍ता विधायक डॉ संजीव कुमार ने विधानसभा में तारांकित प्रश्‍न के दौरान उठाया है। नदी की धारा बदल जाने से एक बड़ा भू भाग बाहर निकला है जो असर्वेक्षित है। उसके खरीद बिक्री पर रोक से किसान परेशान हैं।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 10:21 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 10:21 AM (IST)
विधान सभा में परबत्ता विधायक ने उठाया टोपो लैंड का सवाल, बहुरेंगे किसानों के दिन
मंत्री राम सूरत कुमार को पत्र सौंपते परबत्ता विधायक डॉ. संजीव कुमार

जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। परबत्ता विधायक डॉ. संजीव कुमार ने बिहार विधान सभा में तारांकित प्रश्न के दौरान किसानों की सबसे बड़ी समस्या टोपो लैंड का सवाल उठाया है। मालूम हो कि परबत्ता के किसान इस समस्या को लेकर आंदोलनरत हैं। मालूम हो कि टोपो लैंड वह जमीन है, जो 1901 के सर्वेक्षण में विभिन्न कारणों से असर्वेक्षित रह गया था।

नदी की धारा बदलने से बाहर आया जमीन

उक्त जमीन पर झाड़- झंखाड़ था या नदी किनारे की है। जो समय के साथ नदी की धारा बदलने से बाहर आ गया और फसल योग्य हो गया हैं। किसानों के अनुसार उस वक्त बिहार के किसान जंगल को अपनी मेहनत से साफकर फसल योग्य बनाया। ऐसे ही खेती योग्य जमीन का नाम टोपो लैंड रखा गया। जो किसान उक्त जमीन पर खेती करने लगे, बिहार सरकार उनका लगान तय कर वसूली करने लगी।

जमाबंदी और खरीद- बिक्री पर रोक से किसान परेशान

पिछले 75 वर्षों से इस जमीन की खरीद- बिक्री और जमाबंदी भी होने लगी। परबत्ता समेत बिहार के लाखों किसान इस पर आधारित हैं। लेकिन, अचानक जमाबंदी और खरीद- बिक्री पर रोक से किसान परेशानी में पड़ गए हैं। विधायक ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार से मिलकर भी उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है। इस संबंध में सरकार का निर्देश प्राप्‍त हो जाने के बाद किसानों का काम आसान हो जाएगा। 

परामर्श के लिए विधि विभाग के पास पहुंचा मामला

ये मामला अभी विधि विभाग के पास परामर्श के लिए गया है। कयास लगाया जा रहा है कि जिनके पास जमीन के लगान की पुरानी रसीद हैं, उनको फिर से लगान निर्धारित कर बंदोबस्ती की जाएगी। जिनके पास जमीन की कोई सबूत नहीं है वह जमीन पूर्ण रूप से सरकारी होगी। विधायक डॉ. संजीव कुमार द्वारा उठाए गए इस सवाल को लेकर किसान नेता बुगन चौधरी, रामानुज प्रसाद रमण, मिथिलेश कुमार, लाल रतन कुमार, रामलखन चौधरी आदि ने प्रसन्नता व्यक्त की है। 

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