बिहार में पंचायत चुनाव: सुपौल के युवाओं के मन की बात, बोले- पढ़ा लिखा हो प्रत्याशी, करे विकास की बात
बिहार में पंचायत चुनाव का आह्वान हो चुका है पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में सुपौल के युवाओं ने अपने मन की बात कही है। युवाओं का कहना है कि वे पढ़े लिखे प्रत्याशी के साथ जाएंगे।
संवाद सूत्र, मरौना (सुपौल)। बिहार में पंचायत चुनाव की घोषणा होते ही मरौना प्रखंड के युवाओं व महिलाओं के बीच उम्मीदवार को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। चुनाव को लेकर महिला व युवा वर्ग के लोग अलग-अलग विचार रखते हैं। सभी की प्राथमिकता विकास और धरातल पर कार्य दिखने की है। पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद युवा वर्ग के लोगों ने अलग-अलग राय देते हुए कहा कि चुनाव में प्रतिनिधि पढ़ा-लिखा होना चाहिए। उसी का चयन हमलोग इस चुनाव में करेंगे।
युवाओं का कहना है कि प्रत्याशी शिक्षित व साफ-सुथरी छवि का होना चाहिए। वह सबको साथ लेकर चले और जाति-धर्म से ऊपर उठकर विकास कार्य करे। ऐसे प्रत्याशी का ही इस पंचायत चुनाव में हम चयन करेंगे। इस संबंध में पूछे जाने पर मतदाताओं ने अपनी राय दिए।
युवाओं के 'मन की बात'
बड़हरा के अखिलेश का कहना है पंचायत के लोगों को पीएम आवास, पशुशेड, वृद्धापेंशन, अंत्योदय योजना, बाढ़-सुखाड़ अनुदान तथा मनरेगा का लाभ दिलाने वाले जनप्रतिनिधियों को इस बार मौका देंगे। मरौना उत्तर पंचायत के प्रिय राज ने कहा कि पंचायत के भ्रष्टाचार को मिटाने वाले जन प्रतिनिधि को मौका मिलना चाहिए। मरौना उत्तर के मोहरलाल ठाकुर का कहना है क्षेत्र के लिए विकास कार्यों के लिए समर्पित प्रत्याशी ही मेरी पहली पसंद है। गिदराही के रामप्रसाद मेहता का कहना जब तक नेतृत्वकर्ता शैक्षिक एवं सामाजिक रूप से मजबूत नहीं होगा तब तक वह क्षेत्र के विकास के आवश्यक कदम नहीं उठा पाएगा। विकास कुमार का कहना है कि इस बार चुनाव में जाति-धर्म से ऊपर उठकर विकास कार्य करने वाली महिला मुखिया के उम्मीदवार का चयन करेंगे।सुपौल में पंचायत चुनाव