झूला झूलते समय गले में लगा फंदा, बच्ची की मौत

भागलपुर। बबरगंज थाना क्षेत्र के महेशपुर में मंगलवार को आठ साल की बच्ची साक्षी की जान खेल-खेल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 02:15 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 02:15 AM (IST)
झूला झूलते समय गले में लगा फंदा, बच्ची की मौत
झूला झूलते समय गले में लगा फंदा, बच्ची की मौत

भागलपुर। बबरगंज थाना क्षेत्र के महेशपुर में मंगलवार को आठ साल की बच्ची साक्षी की जान खेल-खेल में कपड़े का झूला बनाकर झूलते समय हो गई। बच्ची को इस बात का जरा भी भान नहीं था कि जिस कपड़े का फंदा बना वह झूला झूलने के लिए कर रही है। वही उसकी मौत का कारण बन जाएगा। बच्ची कपड़े के फंदे में गर्दन फंसा कर झूला झूलने लगी। उसी क्रम में उसकी गर्दन में फंदा कसता चला गया। चंद सेकेंड में फंदे का कसाव गर्दन पर कसा और उसके प्राण पखेरू उड़ गए। हालांकि स्थानीय लोगों के सहयोग से उसे आनन-फानन अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। हादसे की जानकारी बाद स्वजनों में कोहराम मच गया। बच्ची पटना के बड़हिया खुटहा के रहने वाले मुन्ना कुमार सिंह की पुत्री है। वर्षों से मुन्ना स-परिवार बबरगंज थाना क्षेत्र के महेशपुर में रह रहा था। हादसे बाद स्वजनों ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर अस्पताल परिसर से शव वापस घर लेते चले आए। पिता ने हादसे की बाबत रिपोर्ट भी दर्ज कराने से इनकार कर दिया।

आसू यादव के घर किराए के कमरे में रहता था मुन्ना का परिवार

महेशपुर में आसू यादव के घर किराए का कमरा लेकर मुन्ना सिंह अपने परिवार के साथ रह रहा था। वह रिक्शा चलाकर जो कमाई होती उसे लेकर घर पहुंचता जबकि पत्नी डॉली देवी दूसरे के घरों के बर्तन मांज परिवार की जिदगी की गाड़ी चला रही थी। मेहनतकश मुन्ना और उसकी पत्नी डॉली बड़े अरमान के साथ बिटिया साक्षी को पाल रही थी। हादसे के समय परिवार में साक्षी के अलावा उसके छोटे-छोटे दो भाई बहन थे। सुबह डॉली अपने बच्चों को चाय-बिस्किट देकर काम पर चली गई थी। जबकि मुन्ना रिक्शा चलाने घर से निकल गया था। दोनों के जाने के बाद साक्षी कपड़े का झूला बरामदे पर बनाकर झूल रही थी। भाई-बहनों ने बताया कि उसी क्रम में साक्षी ने कहा कि देखो ऐसे ही फांसी लगता है। लोग किस तरह फांसी लगने से मर जाते हैं। उन्हें साक्षी अपने शब्दों में फांसी की जानकारी दे कपड़े के झूले वाले फंदे में गर्दन फंसा झूल गई। उस दौरान चंद सेकेंड में उसकी इहलीला समाप्त हो गई।

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