ओमिक्रानः कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के लिए बिहार कितना तैयार है?, JLNMCH में नहीं है तैयारी

ओमिक्रानः कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्‍तक दे दी है। पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा जेएलएनएमसीएच ओमिक्रोम से लडऩे को तैयार नहीं। कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी की वजह से हुई थी सबसे अधिक मौतें।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:08 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:08 PM (IST)
ओमिक्रानः कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के लिए बिहार कितना तैयार है?, JLNMCH में नहीं है तैयारी
जेएलएनएमसीएच में लगा जेनरेटर। नहीं हुआ चालू।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना का वेरिएंट (ओमिक्रोन) तो नया आ गया पर भागलपुर के अस्पताल की व्यवस्था वही पुरानी है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल बिल्कुल भी तैयार नहीं है।

दरअसल, भागलपुर जिले में कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मौतें आक्सीजन की कमी की वजह से हुई थी। इससे सबक ले प्रबंधन ने जेएलएनएमसीएच में आक्सीजन प्लांट का निर्माण तो कराया पर ट्रांसफार्मर से जेनरेटर को कनेक्ट नहीं किए जाने के कारण उसका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। बेड तक आक्सीजन पहुंचाने की भी व्यवस्था नहीं हो पाई है। सदर अस्पताल में आइसीयू की व्यवस्था तक नहीं है। टेक्नीशियन की भी बहुत कमी है। ऐसे में खुदा न खास्ते अगर तीसरी लहर ने भागलपुर में दस्तक दे दी तो इस बार भी लोगों को भगवान भरोसे ही इलाज कराना पड़ेगा।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी

सदर अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी है। जीवन रक्षक उपकरण भी बेकार पड़े हुए हैं। टेक्नीशियन की भी नियुक्ति नहीं की जा रही है।

आइसीयू विहीन है सदर अस्पताल

कोरोना की दूसरी लहर के समय सदर अस्पताल को आठ वेंटीलेटर मिले पर उसे चलाने के लिए टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं की गई। लिहाजा मशीन का उपयोग नहीं हो पा रहा है। यही नहीं, टेक्नीशियनों की कमी की वजह से आक्सीजन लगाने में भी परेशानी होती है। अप्रशिक्षित चिकित्सक किसी तरह सिलेंडर लगाने की कोशिश करते हैं। इस प्रयास में डाक्टर घायल भी हो चुके हैं।

- आक्सीजन प्लांट तैयार, पर जेनरेटर को ट्रांसफार्मर से नहीं जोड़े जाने के कारण पड़ा हुआ है बेकार। - सदर अस्पताल में आइसीयू की व्यवस्था नहीं, टेक्नीशियन की भी कमी - खुदा न खास्ते अगर नए वेरिएंट की चपेट में कोई आया तो भगवान भरोसे ही होगा इलाज - 24 घंटे में 40 सिलेंडर भरने की क्षमता है जेएलएनएमसीएच में बने आक्सीजन प्लांट में - 78 बेडों पर आक्सीजन की आपूर्ति करने की क्षमता

जेएलएनएमसीएच में 24 बेड का है आइसीयू

जेएलएनएमसीएच में 24 बेड का आइसीयू है। इसके अलावा एमसीएच वार्ड सहित अन्य विभागों में भी मरीजों को भर्ती किया जाता है। कोरोना की दूसरी लहर में पूरे अस्पताल को कोविड अस्पताल बना दिया गया था। आइसीयू में आक्सीजन पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है, पर अभी चीलर मशीन की आपूर्ति नहीं हुई है। इस मशीन से आक्सीजन को ठंडा किया जाता है। प्लांट के आपरेटर आनंद ने बताया कि जेनरेटर की आपूर्ति भी की गई है। लेकिन इसे अभी तक ट्रांसफार्मर से नहीं जोड़ा गया है।

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए अस्पताल तैयार है। जो कमी है उसे पूरा किया जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों को भी सर्तक रहने की हिदायत दी गई है। विदेशों से आने वाले लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। अभी तक एक भी संक्रमित नहीं मिला है। - डा. उमेश शर्मा, सिविल सर्जन

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