OMG इसे तो बहुत चोट लगी है, घायल अजगर को देख सुपौल में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने दिया इलाज का निर्देश
बिहार के सुपौल में वन विभाग की टीम द्वारा एक घायल अजगर का रेस्क्यू किया गया। वहीं सुपौल पहुंचे मंत्री नीरज कुमार उर्फ बबलू ने मौके पर पहुंच घायल अजगर को देखा। उन्होंने कहा कि इसे तो बहुत चोट लगी है...
जागरण संवाददाता, सुपौल। सोमवार को जिले के भपटियाही के थरिया गांव से एक घायल अजगर का वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया। इसके बाद मौके पर मौजूद वन-पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह उर्फ बबलू ने तत्काल उसे बेहतर इलाज के लिए टीम को निर्देशित किया। घायल अजगर को देखते ही मंत्री ने कहा हाय! इसे बहुत चोट लगी है। इसका अच्छे से इलाज किया जाना चाहिए। टीम ने अजगर का इलाज कर उसे नदी के आसपास जंगली इलाके में छोड़े जाने की बात कही है।
दरअसल थरिया गांव से किसी ने वन विभाग को सूचना दी कि पेड़ पर एक अजगर है। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने इसे पकड़ा। मंत्री ने जिला मुख्यालय में जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि वन विभाग की टीम ने अजगर को पकड़ा है। इसके इलाज करवाने का निर्देश दिया गया है। इलाज के बाद इसे नजदीक की नदी में छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोसी के इलाके में काफी संख्या में सांप पाए जाते हैं। सांपों की देखभाल के लिए विभाग तत्पर है। जहां कहीं से सांप की सूचना मिलती है विभाग की टीम जाकर उसका रेस्क्यू करती है।
मंत्री ने कहा कि सांप की अधिकता के कारण यहां सर्पदंश की घटनाएं भी होती रहती हैं। सर्पदंश से होने वाली मौत में आपदा विभाग द्वारा मुआवजा दिए जाने का भी प्रावधान है। इस मौके पर राघवेंद्र झा राघव, विनय भूषण सिंह, रामदेव सिंह, फूल सिंह, वन विभाग के कर्मी व अधिकारी उपस्थित थे।
सुपौल समाचार: नवरात्रि की सुपौल में धूम, बेल निमंत्रण में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
संवाद सूत्र, राघोपुर (सुपौल) : दुखों को हरने वाली जगतजननी मां दुर्गा को सिमराही बाजार सहित ग्रामीण इलाकों के श्रद्धालुओं द्वारा बेल निमंत्रण दिया गया। संध्या आरती एवं बेल निमंत्रण के अवसर पर सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते नगर परिक्रमा करते हुए बेल वृक्ष के पास पहुंचे जहां पूजा-अर्चना कर निमंत्रण दिया गया। दूसरी ओर सभी पूजा स्थलों में पंडालों को सजाने का कार्य पूरा हो चुका है। पूजा समिति के सदस्य आयोजन की तैयारी में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं। दर्जनों मूर्ति एवं पंडाल का निर्माण किया गया है। सुबह में पुष्पांजलि एवं शाम में आरती का विशेष प्रबंध किया जाता है। पूजा स्थल पर संध्या आरती में काफी श्रद्धालु आरती गाकर मां से मन्नत मांगते हुए क्षमा-याचना करते हैं।