अब ट्रेनों के मेंटेनेंस में किसी तरह की लापरवाही और मनमानी की तो खैर नहीं...

अभी मैनुअल तरीके से ट्रेनों का फिटनेस का प्रमाणपत्र भेजी जाती है। लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था के चालू हो जाने के बाद अधिकारी रिपोर्ट पर पैनी नजर रख पाएंगे।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 26 Apr 2019 02:34 PM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2019 02:34 PM (IST)
अब ट्रेनों के मेंटेनेंस में किसी तरह की लापरवाही और मनमानी की तो खैर नहीं...
अब ट्रेनों के मेंटेनेंस में किसी तरह की लापरवाही और मनमानी की तो खैर नहीं...

भागलपुर [जेएनएन]। अब ट्रेनों के मेंटेनेंस में किसी तरह की लापरवाही और मनमानी नहीं चलेगी। रैक के रखरखाव में कितना समय लगा, कितनी गाडिय़ां धुली सभी का रिपोर्ट हर दिन मंडल और जोन मुख्यालय को ऑनलाइन भेजना है। रेलवे ने इसको लेकर कवायद शुरू कर दी है। रैक के मेंटेनेंस की रिपोर्ट ऑनलाइन होने से जहां एक ओर अधिकारियों की नजर रिपोर्ट पर रहेगी। वहीं, दूसरी ओर रैक के मेंटेनेंस का कार्य भी निर्धारित समय पर पूरा हो पाएगा। इसके लिए कोचिंग डिपो में ऑनलाइन सिस्टम लगेंगे। इस सिस्टम पर सभी बोगियां भी उपलब्ध रहेगी। जिसके कारण कर्मियों को बोगी की खोज करने में दूसरे स्टेशन से पूछने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।

भागलपुर में कई ट्रेनों का होता है रखरखाव

भागलपुर कोचिंग डिपो में कई ट्रेनों का रखरखाव होता है। इसमें विक्रमशिला एक्सप्रेस, दानापुर इंटरसिटी, एलटीटी एक्सप्रेस, अंग एक्सप्रेस, सूरत एक्सप्रेस, जनसेवा एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस, साप्ताहिक एक्सप्रेस, अजमेर एक्सप्रेस प्रमुख गाडिय़ां हैं। एक ट्रेन के रखरखाव में सात से आठ घंटे का समय लगता है।

मैनुअल दी जाती है जानकारी

अभी मैनुअल तरीके से ट्रेनों का फिटनेस का प्रमाणपत्र भेजी जाती है। लेकिन, ऑनलाइन व्यवस्था के चालू हो जाने के बाद अधिकारी रिपोर्ट पर पैनी नजर रख पाएंगे। ऑनलाइन व्यवस्था पर रैक की सारी बोगियां उपलब्ध रहेंगी। यात्रा के दौरान अगर कहीं खराबी आ जाती है तो खराबी किस बोगी में है यह पता करने के लिए कर्मियों को बोगी की खोज के लिए दूसरे स्टेशन से पूछना नहीं पड़ेगा। सिस्टम पर सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध हो जाएगी।

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