अब अनपढ़ महिलाएं भी आर्थिक तंगी को देगी मात, इस तरह अचार-पापड़ बनाने के लिए बैंक से मिलेगा ब्याज मुक्त ऋण, जानिए

सहरसा की महिलाएं अचार-पापड़ आदि बना कर आर्थिक तंगहाली दूर करेंगी। इसके लिए उन्हें पांच लाख रुपये तक बैंक से ब्याज मुक्त ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे वह अपना कारोबार शुरू कर सकेगी। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 12:50 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 12:50 PM (IST)
अब अनपढ़ महिलाएं भी आर्थिक तंगी को देगी मात, इस तरह अचार-पापड़ बनाने के लिए बैंक से मिलेगा ब्याज मुक्त ऋण, जानिए
सहरसा की महिलाएं अचार-पापड़ आदि बना कर आर्थिक तंगहाली दूर करेंगी।

 सहरसा [कुंदन कुमार]। शिक्षित महिलाओं को रोजगार के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन अब विभिन्न तरह की हुनर रखनेवाली अनपढ़ महिलाओं को भी आॢथक सहायता देकर सरकार संबल प्रदान करेगी। सात निश्चय टू के तहत सशक्त महिला- सक्षम महिला अपना रोजगार के तहत महिलाओं को सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी। इस राशि से महिलाएं अपने हुनर के मुताबिक रोजगार खड़ा कर सकेगी और इससे उन्हेंं गरीबी से मुक्ति मिलेगी। इससे क्षेत्र को भी आॢथक उन्नयन होगा। कोसी क्षेत्र में इस योजना से महिलाओं को काफी लाभ मिलने की संभावना है।

पांच लाख तक मिलेगा ब्याजमुक्त ऋण

कोसी क्षेत्र की हजारो महिलाएं पापड़, अचार, अदौरी, कास की टोकरी, कपड़े का खिलौना बनाने में दक्ष है। इसके अलावा हर गांव में सिलाई- कढ़ाई करनेवाली काफी संख्या में महिलाएं व युवतियां है, जिन्हेंं पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं मिल पाता है। जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं को भी काफी कम राशि मिलती है, जिससे उनकी प्रतिभा का अपेक्षित प्रदर्शन नहीं हो पाता और इस राशि से महिलाएं किसी तरह अपने परिवार की परवरिश कर पाती है। सशक्त महिला- सक्षम महिला अपना स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत इस तरह की हुनर रखनेवाली महिलाओं को बिना ब्याज के पांच लाख तक ऋण प्राप्त हो सकेगा।

महिलाओं में बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए इस विशेष योजना से परियोजना लागत पर अधिकतम पांच लाख तक अनुदान और पांच लाख रूपये तक ब्याजमुक्त ऋण मिलने से महिलाओं की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। महिलाए समूह में इस योजना का लाभ लेकर अन्य महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेगी। इससे आनेवाले दिनों में महिला शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस योजना का लाभ लेकर महिलाएं अपना स्वरोजगार कर न सिर्फ परिवार की परवरिश करेगी, बल्कि इससे उनका आॢथक उन्नयन होगा और इलाके की गरीबी दूर होगी। यह इलाके के लिए वरदान साबित हो सकता है। -राजेश कुमार सिंह, डीडीसी, सहरसा।

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