अब गंगा में प्लास्टिक कैरीबैग प्रवाहित किया तो आपकी खैर नहीं, आपपर होगी निगरानी
अब भागलपुर में गंगा तट के आसपास के क्षेत्रों में भी प्लास्टिक कैरीबैग का नहीं कर सकेंगे उपयोग। नगर निगम को 15 जुलाई से करना था लोगों को जागरूक अब तक नहीं हुई पहल। अब अगर लोग नहीं सुधरे तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। अब गंगा नदी व इसके तट के आसपास के क्षेत्रों में प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग लोग नहीं कर सकेंगे। गंगा किनारे प्लास्टिक व पूजन सामग्रियों को गिराने वालों पर पैनी नजर रखी जाएगी। गंगा नदी के संरक्षण और इसे प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत पहले लोगों को जागरूक किया जाएगा। लोग नहीं सुधरे तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में बनाई रणनीति, दिया अनुपालन का निर्देश
नगर विकास एवं आवास विभाग के नगरपालिका स्वच्छता एवं विकास निदेशालय के संयुक्त सचिव सह निदेशक अरविंद कुमार झा ने संबंधित क्षेत्र के नगर आयुक्त को रोक लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2018 के विभिन्न प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए 11 जून को गठित राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की पांचवीं बैठक में लिए गए निर्णय के अनुपालन का निर्देश दिया गया है।
नमामि गंगे के प्रतिनिधियों द्वारा बैठक में बताया गया कि गंगा नदी तट के आसपास के क्षेत्रों में प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग पूर्णत: वर्जित करने तथा गंगा नदी में प्लास्टिक के प्रवाह को बंद करने के संबंध में आम लोगों की जानकारी देने की जरूरत है। इस पर प्रधान सचिव आनंद किशोर ने निर्देश दिया गया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जागरुकता अभियान 15 जुलाई से शुरू करने का निर्देश दिया था। लेकिन अब तक नगर निगम की तरफ से इसकी शुरुआत नहीं की गई। इसके तहत जागरुकता अभियान की फोटोग्राफ व रिकार्ड तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
यहां चलाना है निगम को जागरुकता अभियान
गंगा तट के निकट आने वाले विद्यालय, आंगनबाड़ी सेंटर, सब्जी मार्केट, मीट मार्केट, अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन एवं अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थान पर पोस्टर एवं बैनर के रूप में किया जाए। गंगा नदी में प्लास्टिक के प्रवाह को बंद करने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाना है। इस अभियान का प्रतिदिन रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है।