सीमांचल में नूना नदी का कहर जारी, अब दहगामा के पास कटा तटबंध, इन गांवों में घुसा पानी

दहगामा तटबंध कटने से सालगोड़ी कचना एवं बांसबाड़ी के वार्ड संख्या एक से छह पूर्ण रूप से प्रभावित कर दिया है। कचना में इस तरह का पानी हर वर्ष आता है परंतु नदी की धारा बदल जाने के कारण 21 वर्षों के रिकॉर्ड टूट गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 05:56 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 05:56 PM (IST)
सीमांचल में नूना नदी का कहर जारी, अब दहगामा के पास कटा तटबंध, इन गांवों में घुसा पानी
अररिया में नदियों के उफान से इस तरह रोड पर बह रहा पानी

अररिया, जेएनएन। सिकटी प्रखंड अंतर्गत पड़रिया पंचायत वार्ड संख्या नौ के निकट नूना नदी का तटबंध कटने एवं दहगामा तटबंध कटने से नई धारा बन गई है। जिससे नदी का पानी की धारा पूर्ण रूप से सालगोड़ी, कचना एवं बांसबाड़ी के वार्ड संख्या एक से छह पूर्ण रूप से प्रभावित कर दिया है।

नदी की नई धारा में रहीम एवं माजुद्दीन दहगामा का पक्का मकान कटकर विलीन हो गया। अब प्रावि ईदगाह टोला का भवन कट रही है। सामाजिक कार्यकर्ता रमीज अहसन ने बताया कि सालगोड़ी और पड़रिया कब्रिस्तान पूर्ण रूप से पानी से डूब जाने के कारण कोई भी ऐसा स्थान ऐसा खाली नहीं है कि ऐसी परिस्थिति में कोई अनहोनी होने पर कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

गांव में पिछले दो दिनों से पानी फैला हुआ है। कचना के पूर्व मुखिया इसहाक अहमद, पूर्व उप मुखिया प्रतिनिधि मुजफ्फर आलम, वार्ड सदस्य मोहम्मद शोएब ने बताया कि कचना में इस तरह का पानी हर वर्ष आता है परंतु नदी की धारा बदल जाने के कारण इस बार पानी पिछले 21 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ कर आगे बढ़ गया है। कचना कठवा और सलगोड़ी में कोई भी ऐसा घर नहीं है जहां पानी न पहुंचा हो। इसलिए इन छह वार्ड को तत्काल पूर्ण बाढ़ पीडि़त घोषित करते हुए जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिया जाए। बरसात खत्म होते ही पड़रिया एवं दहगामा पर नई कटान सहित पुराने जगहों जैसे प्रमुख टोला पड़रिया,ङ्क्षसघिया, बासबाड़ी और दहगामा की बांध को जल निस्सरण विभाग जल्द से जल्द पूर्ण मजबूती के साथ बांधे। जिससे नूना नदी की बाढ़ से लोगों को राहत मिल सके।

नदी अपनी पुरानी धारा मे बहने लगे जिससे दहगामा और पड़रिया पंचायत सहित औलाबाड़ी पूर्ण सुरक्षित हो जाएगा। स्थानीय फिरोज, मास्टर रागिब अनवर,मुशर्रफ अहसन,दुल्चन्द मांझी ने बतााया कि हर वर्ष इस तरह से हम लोगों के गांव में पानी घुस जाने के कारण खास तौर पर कचना गांव टापू की तरह हो गया है। कचना से किसी भी दिशा में गाड़ी तो दूर पैदल निकलना मुश्किल हो गया है। प्रशासन से जल्द राहत की मांग की है।

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