निर्जला एकादशी 2021: शिव और सिद्धि योग बना रहा खास, इस प्रकार करें व्रत, मोक्ष की होगी प्राप्ति

निर्जला एकादशी 2021 21 जून को भगवान विष्णु की होगी अराधना। इस दिन एकादशी है। एकादशी व्रत करेन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन शिव और सिद्धि‍ योग भी है। आइए जानिए इस व्रत को आप कैसे करें।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:56 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:56 AM (IST)
निर्जला एकादशी 2021:  शिव और सिद्धि योग बना रहा खास, इस प्रकार करें व्रत, मोक्ष की होगी प्राप्ति
एकादशी व्रत करेन से मोक्ष की होती प्राप्ति

संवाद सूत्र, भागलपुर। ज्येष्ठ मास के शुक्त पक्ष 21 जून सोमवार को निर्जला एकादशी व्रत होगा। इस बार का एकादशी को शिव योग और सिद्धि योग खास बना रहा है। जो शुभ फल दाई है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। यही कारण है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। व्रती सभी सुखों को भोगकर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है। माह में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्त पक्ष में एकादशी तिथि आति है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून दिन सोमवार को पड़ रही है। इस दिन शिव योग के साथ सिद्धि योग भी बन रहा है। शिव योग 21 जून की शाम 05 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सिद्धि योग लग जाएगा।

ज्योतिर्विद पंडित सचिन कुमार दूबे कहते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में सिद्धि योग को बेहद शुभ माना जाता है। यह योग ग्रह-नक्षत्रों के शुभ संयोग से बनता है। यह योग सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव का अर्थ शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे बेहद शुभ योग में गिना जाता है। इस दौरान किए गए कार्यों में शुभ परिणाम प्राप्त होने की मान्यता है।

ऐसे करें निर्जला एकादशी

निर्जला एकादशी व्रत में जल का त्याग करना होता है। व्रत का पारण करने के बाद ही व्रती जल का सेवन कर सकता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। भगवान की आरती करें।

भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन दिन में भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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