बिहार के बांका, जमुई और मुंगेर की सीमा पर नक्‍सली दस्‍ता सक्रिय, पंचायत चुनाव में दहशत फैलाने की कोशिश

बांका जमुई और मुंगेर में लगातार नक्‍सल गतिविधियां बढ़ती जा रही है। पंचायत चुनाव की सरगर्मी पर नक्सलियों का दस्ता सक्रिय हो गया है। बेलहदर के बगधसवा काली मंदिर के समीप नक्सलियों के रुकने की चर्चा। स्थानीय पुलिस इससे कर रही इन्कार।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 11:39 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 11:39 AM (IST)
बिहार के बांका, जमुई और मुंगेर की सीमा पर नक्‍सली दस्‍ता सक्रिय, पंचायत चुनाव में दहशत फैलाने की कोशिश
बांका के जंगलों में नक्‍सलियों की गतिविधियां बढ़ी।

जागरण संवाददाता, बांका। बेलहर थाना क्षेत्र के बांका ,जमुई एवं मुंगेर जिला सीमा स्थित जंगली एवं पहाड़ी इलाकों में इन दिनों नक्सली संगठन की गतिविधि तेज हो गई है। एक सप्ताह के अंदर क्षेत्र के बगधसवा और चतराहन गांव समीप नक्सलियों के दस्ते को देखा गया है। स्थानीय लोगों केे अनुसार नक्सली दस्ता अत्याधुनिक हथियारों से लैश थे।

आशंका जताई जा रही है कि नक्सली संगठन पंचायत चुनाव को लेकर क्षेत्र में सक्रिय हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दो दिन पूर्व बगधसवा गांव के पास 20-25 की संख्या में नक्सलियों का दस्ता देर रात पहुंचा था। सभी नक्सली उक्त गांव के काली मंदिर समीप तक आया। कुछ देर ठहरने के बाद नक्सलियों का दस्ता मल्हातरी जंगल की तरफ कूच कर गया। वहीं, चतराहन गांव समीप दर्जनभर नक्सली दस्ता पहुंचा था। जिसकी सूचना मिलते ही स्थानीय लोग भयभीत हो गए।

ज्ञात हो कि पड़ोसी जिले जमुई के जंगलों में नक्सलियों का महफूज ठिकाना है। जहां नक्सली दस्ता ठहरता भी है। लखीसराय में हुए मुठभेड़ बाद नक्सलियों के जमुई के जंगलों में भागकर आने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल सीमाई क्षेत्रों में हार्डकोर नक्सली पिंटू राणा, बालेश्वर कोड़ा, बहादुर घोड़ा का दस्ता सक्रिय हैं। एक 25 वर्षीय नक्सलियों के भी सक्रिय होने की सूचना मिली है। जो झारखंड का रहने वाला बताया जा रहा है। इधर, स्थानीय पुलिस ने नक्सलियों के आवाजाही की घटना से इन्कार कर रही है।

नक्‍सलियों की सक्रियता से लोग दहशत में

नक्‍सलियों की सक्रियता से लोग दहशत में हैं। पुलिसिया कार्रवाई से लोगों का भरोसा भी जगा है। इससे लोगों को राहत है। लेकिन लगातार नक्‍सली सक्रिय बने हुए हैं। पर्ची फेंककर लोगों में दहशत फैलाते हैं। विकास कार्य को नहीं होने देते हैं। लगातार रंगदारी मांगी जाती है। साथ ही नक्‍सली लोगों को अगवा भी कर लेते हैं। इससे  और भी भय बना हुआ है। हाल के दिनों इस तरह के कई मामले सामने आए हैं।

chat bot
आपका साथी