2008 में अपराध की दुनिया में मनोज सदा ने रखा था कदम, गिरफ्तार नक्सली ने दिए महत्वपूर्ण सुराग
खगडि़या में नक्सली मनोज सदा को गिरफ्तार कर लिया है। वह अमौसी नरसंहार बाद पुलिस की सक्रियता से घबरा कर हरियाणा भाग गया था। नक्सली मनोज सदा को पुलिस लगातार खोज रही है। उसपर कई जिलों में हत्या सहित कई आपराधिक मुकदमें भी दर्ज हैं।
खगडिय़ा, जेएनएन। नक्सली एरिया कमांडर मनोज सदा वर्ष 2008 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था और फिर मुड़कर पीछे नहीं देखा। उसने 2008 में हत्या की घटना को अंजाम देकर फरकिया के लोगों के बीच खलबली मचा दी थी। वर्ष 2009 में अहिंसा दिवस की एक रात पहले अमौसी के बधार बहियार में इचरूआ के 16 किसानों की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। और उसमें भी मनोज सदा का नाम आया था।
एक बार हरियाणा से किया गया था गिरफ्तार
मुंगेर के तत्कालीन डीआइजी अमित कुमार के आदेश पर तत्कालीन एसपी अनसूईयारण सिंह साहु के नेतृत्व में फरकिया के विभिन्न इलाकों में पुलिस की सक्रियता बढ़ाई गई तो मनोज हरियाणा भाग गया था। उस समय की पुलिस ने हरियाणा में श्रोत विकसित कर वहां से उसकी गिरफ्तारी की थी। उसकी गिरफ्तारी से उस समय गिरोहों के बीच खलबली मच गई थी। वैसे उस समय यह भी चर्चा सामने आई थी कि मनोज गिरोह को मजबूत करने को लेकर बराबर हरियाणा- पंजाब आता- जाता था और वहां मजदूरी कर रहे लोगों से गिरोह बढ़ाने व हथियार खरीदने की बात कहकर चंदा की वसूली करता था। जेल से निकलने के बाद वह कुछ दिनों तक अपराध की दुनिया को अलविदा कह दिया था। मगर बाद के दिनों में गिरोहों की फरकिया इलाके में तूती बोलने से मनोज एक बार फिर अपराध की दुनिया में प्रवेश कर गया। कई बार अन्य गिरोहों से उसके गिरोह की मुठभेड़ होती रही। कई की जानें भी गई।
रामानंद यादव उर्फ पहलवान की हत्या से भी आया चर्चा में
सहरसा व खगडिय़ा जिले में एक बार फिर तब वह चर्चा में आया जब सहरसा व खगडिय़ा के अपराधी गिरोहों से मिलकर एके 47 से फरकिया के कुख्यात रामानंद यादव उर्फ पहलवान की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी। सहरसा, खगडिय़ा समेत कई जिलों की पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर सजग हो उठी। उसकी गिरफ्तारी को लेकर एसटीएफ को भी टास्क दिया गया था। इसका सार्थक परिणाम भी सामने आया और बिना खून बहाए वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बहरहाल, उसकी गिरफ्तारी से कुछ दिनों के लिए फरकिया में अमन चैन लौटने की उम्मीद जग गई है।अपराधी चाहे कितना ही चालाक क्यों न हो कानून के हाथों नहीं बच सकता। कुख्यात मनोज सदा की गिरफ्तारी से आमजनों के बीच पुलिस की साख काफी बढ़ी है। - अमितेश कुमार, एसपी, खगडिय़ा।
कई जिलों के पुलिस के लिए सरदर्द था मनोज सदा
एसटीएफ व जिला पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में हत्थे चढ़े नक्सली एरिया कमांडर मनोज सदा पर खगडिय़ा, सहरसा व दरभंगा के कई थानों से संगीन मामलों में चार्ज सीट समर्पित किया गया था। पुलिस सूत्रों की माने तो हत्या मामले में अलौली थाना कांड संख्या 187-08, मोरकाही थाना कांड संख्या 127-12 में जानलेवा हमला व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में उस पर चार्ज सीट दायर है। इसी तरह अलौली थाना कांड संख्या 76-2009 में जानलेवा हमला, उसी थाना के कांड संख्या 86-10 जानलेवा हमला, अमौसी नरसंहार के मोरकाही थाना कांड संख्या 55-2009, मोरकाही थाना कांड संख्या 46-15 रंगदारी व यूएपीए एक्ट, मोरकाही थाना कांड संख्या 158-17 रंगदारी व शस्त्र अधिनियम में उसके खिलाफ आरोप पत्र समर्पित है। सहरसा के महिषी थाना कांड संख्या 07-10 जो रंगदारी व जानलेवा हमला, सिमरी बख्तियारपुर थाना कांड संख्या 248-12 चोरी व शस्त्र अधिनियम, सहरसा के सलखुआ थाना कांड संख्या 41-13 अपहरण व शस्त्र अधिनियम, दरभंगा के कुशेश्वर स्थान थाना कांड संख्या 167-13 हत्या व सीएलए एक्ट में उसपर आरोप पत्र समर्पित किया गया था। इसी तरह लॉकडाउन के दौरान सहरसा क्षेत्र में कुख्यात रामानंद यादव हत्याकांड में उसकी तलाश पुलिस को थी। एसपी अमितेश कुमार ने बताया कि अन्य थानों में उस पर दर्ज मामलों का पता लगाने के आदेश दिए गए हैं।