चिलखारी नरसंहार में शामिल नक्सली कोल्हा यादव चरकापत्थर से गिरफ्तार, पूर्व सीएम के बेटे की हत्या का भी है आरोप

जमुई पुलिस ने चिलखरी नरसंहार में शामिल कोल्‍हा यादव को गिरफतार कर लिया है। वह पूर्व सीएम के बेटे की हत्‍या का भी आरोपी है। उसके उपर बिहार और झारखंड में 20 से अधिक मामले अलग अलग थाने में दर्ज हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 05:31 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 05:31 PM (IST)
चिलखारी नरसंहार में शामिल नक्सली कोल्हा यादव चरकापत्थर से गिरफ्तार, पूर्व सीएम के बेटे की हत्या का भी है आरोप
जमुई पुलिस ने चिलखरी नरसंहार में शामिल कोल्‍हा यादव को गिरफतार कर लिया है।

संवाद सूत्र, चंद्रमंडीह(जमुई)। बिहार- झारखंड सीमा स्थित भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के चर्चित चिल्खारी नरसंहार की घटना में शामिल नक्सली कोल्हा यादव को भेलवाघाटी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। चरकापत्थर थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव का रहनेवाला कोल्हा यादव इस मामले में वर्षो से फरार चल रहा था। गुप्त सूचना के आधार पर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार के नेतृत्व में भेलवाघाटी पुलिस द्वारा रविवार की रात आरोपी नक्सली के चरकापत्थर थाना क्षेत्र अंतर्गत विशुनपुर स्थित घर की घेराबंदी कर छापेमारी की गई।

छापेमारी में कोल्हा को उसके घर से गिरफ्तार किया गया। फिलहाल वह घर पर ही रह रहा था। छापेमारी टीम में भेलवाघाटी के थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार, चरकापत्थर थानाध्यक्ष राजाराम शर्मा, भेलवाघाटी के सयनी बुद्धिनाथ मार्डी, सैप के हवलदार विद्याशंकर राय, आरक्षी ओमप्रकाश यादव, सुरेंद्र उरांव, पूरनचंद ङ्क्षसह, अनोज कुमार आदि शामिल थे।

चिल्खारी नरसंहार की घटना के साथ-साथ कोल्हा यादव ढिबरा व्यवसायी दासो साव हत्याकांड में भी नामजद आरोपी है। विदित हो कि वर्ष 2008 के 18 अक्टूबर को तिसरी थाना क्षेत्र के नारोटांड़ गांव निवासी ढिबरा व्यवसायी दासो साव की हत्या भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के तेतरिया स्थित हटियाटांड़ में टांगी से काटकर कर दी गई थी। इस मामले में कांड संख्या 166/08 के तहत नक्सली रमेश यादव व कोल्हा आदि के विरुद्ध मुकदमा दर्ज है। इसके पूर्व 26 अक्टूबर 2007 में झारखंड-बिहार सीमा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम स्थल पर भाकपा माओवादियों के दस्ते द्वारा की गयी फायङ्क्षरग में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के पुत्र अनूप मरांडी सहित बीस लोग मारे गए थे।

दोनों घटनाओं में तत्कालीन देवरी (अब भेलवाघाटी थाना) में मुकदमा दर्ज होने के बाद कोल्हा इस क्षेत्र से भाग निकला और पुलिस की नजरों से बचने के लिए भाग कर रहने लगा। इसके पूर्व कोल्हा लंबे अर्से तक इस क्षेत्र में भ्रमणशील रहा। भेलवाघाटी के थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने बताया कि नक्सली कोल्हा के विरुद्ध भेलवाघाटी थाना में दो मामले के साथ बिहार के सोनो थाना में 17 मामले दर्ज हैं। कोल्हा यादव का जिले के कुछ सफेदपोश से भी बेहतर संबंध बताए जाते हैं।

चाचा की हत्या की बदला लेने संगठन में शामिल हुआ था कोल्हा

सोनो के विशुनपुर गांव का रहनेवाला कोल्हा वर्ष 2000 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। जानकारी के मुताबिक 17 फरवरी को दबंगो के द्वारा कोल्हा यादव के चाचा रामखेलावन यादव की हत्या कर दी गयी थी। चाचा की हत्या के बाद वर्ष 2000 में हीं दीवाली के दिन उसके बहनोई कांग्रेस यादव की हत्या कर दी गयी। चाचा व बहनोई की हत्या की घटना का बदला लेने के लिए कोल्हा नक्सली संगठन में शामिल हो गया। संगठन में शामिल होने के बाद दस्ते में चलने लगा। कोल्हा पूर्व जोनल कमांडर रामचन्द्र महतो उर्फ चिराग उर्फ बड़का दा खास सहयोगी माना जाता था। इसके अलावे वह नक्सली नेता परवेज, कुख्यात नक्सली विष्णु रजवार, रमेश मंडल, कुंवर यादव उर्फ बशीर व सुनील के के दस्ते में काम कर चुका है। वर्ष 2016 में पूर्व जोनल कमांडर के मारे जाने के बाद सुरंग के दस्ते में शामिल हो गया।

chat bot
आपका साथी