नमो देव्यै : भ्रूण हत्या के खिलाफ नारी सशक्तिकरण की आवाज बन चुकी है अररिया की प्रभा
प्रभा समाज में नारियों की प्रतिबिम्ब बन चुकी है और भ्रूणहत्याप्लास्टिक उपयोगशौचालय निर्माण आदि की प्रभा आवाज बन चुकी है और यही वजह है कि आज समाज मे इनके व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा करते लोग थकते नही।
अररिया [राहुल सिंह ]। नारी को वेद पुराणों समेत पुरानी परंपरा में शक्ति के रूप में स्थान दिया नारी अगर ठान ले तो बड़े बड़े कार्य बड़ी आसानी से कर लेती है।
इसी कड़ी में फारबिसगंज की समाजसेविका प्रभा सेठिया नारी सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति बन चुकी है। प्रभा समाज में नारियों की प्रतिबिम्ब बन चुकी है और भ्रूणहत्या,प्लास्टिक उपयोग,शौचालय निर्माण आदि की प्रभा आवाज बन चुकी है और यही वजह है कि आज समाज मे इनके व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा करते लोग थकते नही।
विलक्षण प्रतिभा संपन्न महिला स्थानीय वार्ड 06 निवासी पूनम चंद सेठिया की धर्मपत्नी प्रभा सेठिया है।इनका कृतित्व और व्यक्तित्व दोनों ही प्रभावशाली है। समाज में हर वर्ग के लोग, बच्चे बूढ़े और जवान सभी इनका सम्मान करते हैं। सबकी $खुशी और ग़म में शामिल होना इनकी विशेषता है। समर्पण और सादगी भरा जीवन इनकी पहचान है। प्रभा तेरापंथ महिला मंडल की विगत 48 वर्षों से सक्रिय सदस्य हैं। सभी सदस्यों को साथ लेकर समाज में भ्रूणहत्या की रोकथाम, कन्या सुरक्षा सर्कल का निर्माण तथा शौचालय निर्माण प्रेरित करना व सहयोग इनका सामान्य रूटीन हो गया है।इसके अलावा प्लास्टिक रोकथाम का कार्य हो या बढ़ते प्रदूषण की परेशानी,इसमें खूब दिलचस्पी लेती है।
2010 नारी अस्मिता पुरस्कार, 2015-आंचलिक संयोजक पुरस्कार, 2015- अखिल भारतीय तेरापंथ द्वारा सक्रियता सम्मान, 2018-तत्व प्रेचा अवार्ड, समेत आधा दर्जन अवार्ड
से भी सम्मानित किया गया है।
योगासन से जोड़ती है महिलाओं को:-
प्रभा सेठिया का कहना है कि लोगो को स्वस्थ्य होना जरूरी है। लिहाजा वे योगासन, प्रेक्षाध्यान की क्रियाओं से भी नारियों को जोड़ती है। समाज की नजरों में ममता, करुणा और कार्यकुशलता,अनुभव, बुद्धिमत्ता और सरलता का सार्थक रुप बन चुकी है प्रभा सेठिया।
उपासिका और ज्ञान शाला की मुख्य प्रशिक्षका है प्रभा:-
प्रभा सेठिया वर्तमान में प्रेक्षा प्रभारी ईस्ट एवं उपासिका और ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका है। इस भागदौड़ भरी ङ्क्षजदगी में लोगों को डिजिटल लाइफ से फुर्सत नहीं वहीं प्रभा दस-दस दिनों तक बाहर के क्षेत्रो में विशेष धर्मपासना करती और करवाती है। जैन और जेैनेतर बच्चों में स्थानीय स्तर पर ज्ञानशाला के माध्यम से संस्कार निर्माण करती है । युवा पीढ़ी में अनेक बहनों की वो रोल मॉडल हैं। समाज की बहनों पर अपना श्रम और समय लगा कर अपनी जैसी एक नहीं सैकड़ों कार्यकर्ता तैयार कर चुकी है। तेरापंथ धर्म संघ में अध्यक्ष,मंत्री सहित अनेक पदों पर आसीन रही है प्रभा।
ऐसी है प्रभा सेठिया
नारी के तीनो रूपों का इनमें समावेश है।उम्र के छह दशक पूरे करने के पश्चात भी ज्ञानार्जन करने में तत्पर हैं । ये जैन विधा कई भाग की परीक्षा दे चुकी हैं। तत्व,ज्ञान, कई भाग की परीक्षा भी दे चुकी है, और आगे भी पढऩे में रूचि रखतीं है समाजिक कार्यो में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती है।