30 रुपये खर्च कर कमा रहे 200 रुपये, आर्थिक उन्‍नति के साथ स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक भी, आप.. भी अपनाएं

सरहसा में मशरूम की खेती की जा रही है। इस खेती से काफी लोग जुड़ रहे हैं। जमीन की भी आवश्‍यकता नहीं है। 30 रुपये खर्च कर कमा रहे 200 रुपये तक कमाया जा सकता है। कम लागत में अधिक मुनाफा से जुडऩे लगे किसान।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 06:58 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 06:58 AM (IST)
30 रुपये खर्च कर कमा रहे 200 रुपये, आर्थिक उन्‍नति के साथ स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक भी, आप.. भी अपनाएं
सहरसा जिले के चार प्रखंडों में हो रही है मशरूम की खेती।

सहरसा [सुशील झा]। मशरूम की खेती से इलाके के भूमिहीन किसानों की किस्मत बदल रही है। अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों ने कई गांवों में इसकी खेती शुरू करवाई है। इसकी घर में ही खेती की जा सकती है। इस कारण किसान इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। महज 40 से 50 दिन में तैयार होने वाली इस फसल के एक किलोग्राम के उत्पादन में 30 रुपये की लागत आती है। इसमें 200 रुपये का प्रति किलो का मुनाफा होता है। आवासीय घरों में ही मशरूम की खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा मिलने के कारण इस खेती के प्रति भूमिहीन किसानों का भी लगाव बढऩे लगा है।

खेती से संवर रही है जिंदगी

मशरूम की खेती कर रही बरहशेर पंचायत के कुम्हरा घाट निवासी लालो देवी ने बताया कि 10 रुपये में सौ ग्राम मशरूम बीज व 10 रुपये के तीन किलोग्राम भूसा के अलावा पॉलिथीन, एक मीटर मीटर रस्सी, एक लीटर गरम पानी की लागत में ढ़ाई किलोग्राम मशरूम का उत्पादन होता है। जिसकी बाजार में कीमत तीन सौ रुपए मिल जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह फसल 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती है।

बिहरा के राजकुमार पासवान ने बताया कि भूमिहीन रहने के कारण मजदूरी कर अपने तथा अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। हमेशा तंगहाली की मार से ही जूझना पड़ता था। मगर जब से मशरूम की खेती करना शुरू किया तो खुशहाल की जिंदगी जीने लगा हूं। बच्चों की शिक्षा समेत अन्य सभी जरूरतें भी पूरी हो रही हैं। उनका कहना है कि बिना जमीन के आवासीय घरों में ही मशरूम की खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा उपार्जन किया जा सकता है।

औषधीय गुणों से भरपूर है मशरूम

कृषि विज्ञानी डॉ. नदीम अख्तर एवं विज्ञानी डॉ. सुनीता पासवान ने बताया कि मशरूम एक अच्छे किस्म का खाद्य पदार्थ तो है ही, इसमें काफी औषधीय गुण भी हैं। एंटीवायरल तत्व रहने के कारण कई बीमारियों में फायदा पहुंचाता है। मशरूम के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं बढ़ती है। मशरूम हृदय रोगियों के लिए अति गुणकारी होता है। क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं पाया जाता है। साथ ही साथ सोडियम साल्ट एवं वसा भी अति न्यून मात्रा में पाया जाता है। मशरूम खाने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है। क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट तंतु रेस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। खासकर मोटापे से ग्रसित लोगों के लिए मशरूम वरदान साबित हुआ है। इसमें कार्बोहाइड्रेट एवं वसा की मात्रा कम होती है। शर्करा या स्टार्च से मुक्त होने के कारण मशरूम डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभप्रद साबित होता है। फोलिक एसिड , विटामिन बी 12 आदि तत्व भी पाया जाता है। यही कारण है कि देश व विदेश में भी मशरूम की काफी मांग है।

अन्य फसलों की अपेक्षा मशरूम फसल किसानों के लिए अत्यधिक लाभप्रद है। इसकी खेती का विस्तार हो रहा है। इस वर्ष भी जिले के 20 अग्रणी किसानों के यहां कार्यक्रम चलाया जा रहा है तथा मशरूम खेती को लेकर किसान जागरूक हो रहे हैं।  - डॉ. सुनीता पासवान , विज्ञानी , कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर , सहरसा।

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