बिहार की सच्‍ची 'मुस्‍कान' बनी सोनवर्षा की यह मुस्‍कान

बिहपुर की इस नेशनल खिलाड़ी पर पूरे गांव को है गर्व। वॉलीबॉल में कई खिताब कर चुकी हैं अपने नाम। मुस्कान के पिता भी नेशनल वॉलीबाल खिलाड़ी रह चुके हैं। अपने खेल प्रतिभा के दम पर वे आज बिहार पुलिस सेवा में हैं। वर्तमान में पटना में पदस्थापित हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 01:42 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 01:42 PM (IST)
बिहार की सच्‍ची 'मुस्‍कान' बनी सोनवर्षा की यह मुस्‍कान
बिहपुर की मुस्‍कान, जिन्‍हें वॉलीबाल में ख्‍याति मिली है।

भागलपुर [मिथिलेश कुमार]। कड़ी मेहनत और अपनी प्रतिभा के दम पर वॉलीबॉल की नेशनल खिलाड़ी सोनवर्षा की मुस्कान पर न सिर्फ उनके  माता-पिता को बल्कि पूरे गांव लोगों को गर्व है। बिहार राज्य सीनियर महिला वालीबाल चैंपियनशिप व हरियाणा टीम की ओर से नेशनल आधी आबादी वालीबाल चैंपियनशिप में मुस्कान अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है।

एक हिंदी फिल्म के गीत के बोल हैं दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा। मगर प्रखंड के सोनवर्षा वार्ड नंबर छह निवासी संजय कुंवर की पुत्री मुस्कान की आशा काफी बड़ी है। वह वालीबाल खेल में अपने प्रतिभा के दम पर आसमान का चमकता सितारा बनने की चाहत रखती है। मुस्कान आज न सिर्फ अपने गांव की बल्कि पूरे राज्य वॉलीबाल में अपने खेल के दम पर चॢचत नाम बन चुकी है। मुस्कान बताती है कि उसके दादा नारायण कुंवर, मां नीलम देवी, बड़ा भाई भानू, छोटा भाई किशन व पिता समेत पूरा परिवार उसके खेल को प्रोत्साहित करते हैं।

वह बताती है कि मेरे ही इस खेल के प्रशिक्षक व गुरू हैं। बता दें कि मुस्कान के पिता संजय कुंवर भी नेशनल वॉलीबाल खिलाड़ी रह चुके हैं। अपने खेल प्रतिभा के दम पर वे आज बिहार पुलिस सेवा में हैं। वर्तमान में पटना में पदस्थापित हैं। अपने चार बहनों ज्योति, स्मृति व पिकू में मुस्कान सबसे छोटी है। आज मुस्कान की प्रेरणा से आसपास के कई गांवों के अभिभावक अपनी लाड़ली को खेल के मैदान तक जाने के लिए प्रोत्साहित करने लगे हैं। मुस्कान बताती है कि मेरे परिवार के सदस्यों ने बहनों व भाइयों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया है। खेल हो या पढ़ाई हर क्षेत्र में बराबरी का अवसर प्रदान किया। मुस्कान वर्ष 2014 और 2015 में जिलास्तरीय स्कूली वॉलीबाल प्रतियोगिता,  2016 में सोनवर्षा में आयोजित बिहार राज्य सीनियर पुरूष व महिला वालीबाल चैंपियनशिप और नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय आधी आबादी वॉलीबाल चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर प्रसिद्धि पाई है। यही कारण है कि आज वॉलीबाल खेल सोनवर्षा की पहचान बन गई है। आज सोनवर्षा वॉलीबाल खेल की नर्सरी के नाम से भी विख्यात है।

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