मुंगेरिया पिस्टल के कारीगरों का नया ठिकाना अंग नगरी
भागलपुर अवैध हथियार बनाने के लिए देशभर बदनाम मुंगेर जिले में पुलिस की सख्ती क्या बढ़ी मुंगेरिया कारीगरों ने नया ठिकाना बना लिया। नया ठिकाना अंग नगरी (भागलपुर) बन गया है।
भागलपुर : अवैध हथियार बनाने के लिए देशभर बदनाम मुंगेर जिले में पुलिस की सख्ती क्या बढ़ी मुंगेरिया कारीगरों ने नया ठिकाना बना लिया। नया ठिकाना अंग नगरी (भागलपुर) बन गया है। पड़ोसी जिला होने के कारण कारीगरों के संपर्क में पहले से भागलपुर के अपराधी थे। इनके बूते सुदूर ग्रामीण इलाकों में ठिकाना तलाश अवैध हथियारों का निर्माण शुरू कर दिया। मुंगेर के वरदह, सफिया सराय, तोफिल दियारा, मुजफ्फरगंज आदि इलाकों से भागकर कारीगर भागलपुर जिले के गोराडीह, लोदीपुर, सबौर, घोघा, नवगछिया और दियारा इलाके में शिफ्ट हो गए। स्थानीय अपराधियों की सरपरस्ती में मुंगेरिया कारीगरों ने जगह-जगह अवैध मिनी गन फैक्ट्री खोल दी। बीते दो सालों में ऐसी आधा दर्जन से अधिक मिनीगन फैक्ट्री का पर्दाफाश एसटीएफ की मदद से स्थानीय पुलिस अबतक कर चुकी है।
--------------------
कहां-कहां पकड़ी गई मिनी गन फैक्ट्री सात मार्च 2021 को सबौर के रजंदीपुर में, 23 अगस्त 2020 को लोदीपुर, गोराडीह में, पांच जून को घोघा में, सात जून को बिहपुर के लत्तीपुर में मिनीगन फैक्ट्री पकड़ी गई।
--------------------
तकनीकी निगरानी से टूट रही कमर मुंगेर में अवैध हथियारों के निर्माण में लगे जरायम पेशेवरों और कारीगरों पर सख्ती के बाद अधिकांश तस्कर पलायन कर गए। एसटीएफ तकनीकी निगरानी से ऐसे तस्करों का ठिकाना पता करने में जुटी है। इससे भागलपुर में ठिकाना बनाए हथियार कारीगरों में हड़कंप मच गया है। हथियारों की डिलीवरी देने वाले जैसे ही एसटीएफ की निगाह में आते हैं गिरोह की पूरी चेन पकड़ में आ जाती है। मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश करने में लगी एसटीएफ हथियार तस्करों के स्थानीय संरक्षकों और पुलिस में शामिल उनके भेदिये की सूची भी तैयार कर रही है। ताकि उनके विरुद्ध भी ठोस कानूनी कार्रवाई हो सके।