मुंगेर सदर अस्‍पताल में बड़ा कारनामा, चिकित्सक का पता नहीं और रोस्टर में हर दिन ड्यूटी

मुंगेर सदर अस्पताल में रोस्टर का खेल चल रहा है। इसमें नहीं बदला जा रहा नाम। दो चिकित्सक छोड़ चुके हैं काम इसके बाद भी दर्ज है ड्यूटी चार्ट में। इस कारण च‍िकित्‍सक भी अपनी ड्यूटी को लेकर गंभीर नहीं हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 01:38 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 01:38 PM (IST)
मुंगेर सदर अस्‍पताल में बड़ा कारनामा, चिकित्सक का पता नहीं और रोस्टर में हर दिन ड्यूटी
मुंगेर सदर अस्‍पताल में रोस्‍टर में अनियमितता है।

मुंगेर [हैदर अली]। सदर अस्पताल में सबकुछ राम भरोसे हैं। यहां कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। मरीजों की इलाज में तो लापरवाही बरती ही जा रही है। अब रोस्टर ड्यूटी चार्ट में भी बड़ा कारनामा देखने को मिल रहा है। इसे लापरवाही कहें या और कुछ, लेकिन पूरा मामला गड़बड़ है। निर्देश के बाद भी इमरजेंसी सहित दूसरे विभागों में रोस्टर में ड्यूटी चार्ट नहीं बदला जा रहा है। रोस्टर चार्ट ड्यूटी में 15 दिनों से एेसे चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जा रही जिसमें कुछ ने इस्तीफा दिया है तो कुछ लंबे अवकाश पर हैं। अस्पताल पहुंचने वाले मरीज हर दिन रोस्टर में लगे संबंधित चिकित्सक का इंतजार करते हैं। लंबे प्रतीक्षा के बाद मरीज लौट जा रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा हर दिन मरीजों को उठाना पड़ रहा है। कई मरीजों ने इसकी शिकायत भी की फिर भी रोस्टर ड्यूटी चार्ट काे नहीं बदला गया है।

बदहाली के दौर से गुजर रहा जिला अस्पताल

सदर अस्पताल पर पूरे जिले का भार है। अनुमंडलीय अस्पताल रहने के बाद भी मरीज इलाज कराने यहीं पहुंचते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में स्वास्थ्य सेवा कितनी बदहाली के दौर से गुजर रहा है। सदर अस्पताल के कई विभाग बिना डाक्टर के संचालित है। स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी के कारण कई विभागों में डाक्टर को ड्रेसर से लेकर कंपाउडर तक का कमा करना पड़ता है। सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण गंभीर या हादसे के शिकार ज्यादातर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। यहां चर्म रोग, ईएनटी, सर्जन, नेफ्रो विशेषज्ञ, न्यूरो सर्जन के विशेषाज्ञ नहीं होने से ज्यादातर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।

रोस्टर मेें दो का नाम है नहीं ड्यूटी में

सदर अस्पताल में लगे रोस्टर ड्यूटी चार्ट में दो चिकित्सकों का नाम है। इसमें डा. अजय कुमार और डा. हर्षवर्धन ड़्यूटी में नहीं है। एक ने इस्तीफा दिया है तो एक लंबे अवकाश पर हैं। फिर भी हर दिन चार्ट में इनकी ड्यूटी दिखाई जा रही है। इससे मरीजों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। मरीज दोनों का नाम देखकर इलाज होने की चाह रखते हैं, फिर लाचार होकर दूसरों से इलाज कराते हैं या फिर लौट जा रहे हैं।

टेटिया बंबर से पहुंचा एक मरीज अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा। डा. हर्षवर्धन का ड्यूटी रोस्टर देखकर उनका इंतजार करने लगा। बाद में मालूम चला कि वह लंबे अवकाश पर हैं। अंत में दूसरे चिकित्सक के दिखाना पड़ा।

दियारा क्षेत्र के एक मरीज डा. अजय से इलाज कराने के लिए पहुंचा। मरीज के स्वजन डाक्टर का अस्पताल में काफी देर तक इंतजार किया। बाद में मालूम चला केि जिनके इंतजार में हैं वह डाक्टर साहब अब नहीं आएंगे।

सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त डाक्टरों का ड्यूटी रोस्टर 15 दिन या माह में बनाया जाता है। डा़. हर्षवर्धन लंबी छुट्टी का आवेदन देकर गए हुए हैं। डॉक्टर अजय ने सदर अस्पताल से इस्तीफा दिया है। खड़गपुर में प्रतिनियुक्त एक डाक्टर ने भी इस्तीफा दे दिया है। तीन डाक्टर काम छोड़ कर जा चुके हैं। -डा. हरेंद्र कुमार आलोक सिविल सर्जन, मुंगेर।

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