मुंगेर पंचायत चुनाव 2021: आसान नहीं है वार्ड सदस्य की राह, किस्मत आजमाने वालों की मची होड़

मुंगेर पंचायत चुनाव 2021 पंच परमेश्वर बनने की नहीं रख रहे चाह आसान नहीं वार्ड सदस्य की राह। फंड ज्यादा होने की वजह से वार्ड सदस्य के लिए किस्मत आजमाने वालों की मची होड़। वार्ड सदस्य का चुनाव के लिए मेहनत कर रहे लोग।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 01:41 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 01:41 PM (IST)
मुंगेर पंचायत चुनाव 2021: आसान नहीं है वार्ड सदस्य की राह, किस्मत आजमाने वालों की मची होड़
मुंगेर के धरहरा प्रखंड के कई पंचायत में चल रही है तैयारी।

संवाद सूत्र, धरहरा (मुंगेर)। मुंगेर पंचायत चुनाव 2021: ग्राम कचहरी के पंच परमेश्वर बनने की चाहत नहीं दिख रही, लेकिन वार्ड सदस्य बनने के लिए जबरदस्त होड़ है। इससे पहले कि पंचायत चुनाव में वार्ड सदस्य बनने के लिए भी खुशामद करनी पड़ती थी। जो महिला/पुरुष वार्ड सदस्य बनने के लिए राजी हो जाते थे, उनके नामांकन मुखिया प्रत्याशी अपने खर्च पर करवाते थे। बहुतायत वार्ड सदस्य निर्विरोध चुने जाते थे। लेकिन इस बार ग्राम पंचायत के सदस्य (वार्ड सदस्य) बनने की राह आसान नहीं होगी। सभी वार्डों में प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा होने से घमासान मचा है। चुनावी समर में कूदे लोग अपने पक्ष में मतदान करने के लिए आधी रात को भी वोटर्स के घर पर दस्तक दे रहे हैं।

निश्चय योजना की राशि है आकर्षण की वजह

हर घर तक पक्की गली व नाली निर्माण तथा हर घर तक नल का जल निश्चय योजना ने ही वार्ड सदस्य पद को आकर्षण बना दिया है। पंचायती राज विभाग ने पिछले सत्र में इन कार्यों के लिए वार्डों में बड़ी रकम खर्च की थी। वार्ड में कम होने वाले काम वार्ड मेंबर की अध्यक्षता वाली क्रियान्वयन व प्रबंधन समिति के मेल में होते हैं। समाप्त हुए सत्र में जिन वार्डों में पक्की गली व नाली नहीं बनी तथा नल का जल सभी घरों तक नहीं पहुंच सका, वहां से चुनाव लडऩे वाले की संख्या ज्यादा है। जहां काम हुआ वहां भी योजना की देखरेख व प्रबंधन के लिए भी मोटी राशि की व्यवस्था है। साथ ही वार्ड में राज्य प्राप्ति के लिए वार्ड सदस्य को मासिक वेतन देने का भी प्रावधान किया गया है।

सरपंच के लिए भी बढ़ा आकर्षण

सरकार ने सरपंचों का वित्तीय अधिकार क्षेत्र बढ़ाने की बात कही है। प्रविधान के मुताबिक सरपंच ग्राम कचहरी के कार्यों के अलावा ग्रामीण सड़कों/गलियों की मरम्मत कराएंगे। इस प्रविधान के बाद सरपंच का पद भी आकर्षण हो गया है। पिछले चुनाव की अपेक्षा अधिक रूचि दिखाएं जा रही है।

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